दोस्तों क्या आपको पता है मानव रक्त का PH मान कितना होता है? | What is the pH value of human blood?
मानव रक्त का PH मान :7.35 से 7.45
सामान्यतः हम सभी ने देखा है कि मानव रक्त की जांच करके मनुष्य में बीमारियों का पता लगाया जाता है। जिन बीमारियों के लिए रक्त की जांच करके बीमारियों का पता लगाया जाता है, उसमें जांच के लिए रक्त के PH मान को आधार माना जाता है। रक्त का PH मान 7.35 से 7.45 के बीच होता है।रक्त के लिए निर्धारित PH मान की तय सीमा यह दर्शाती है कि जांचकर्ता मनुष्य का रक्त सामान्य है और उसे कोई बीमारी नहीं है। जैसी बीमारी होती है उसके अनुसार मनुष्य शरीर में मौजूद रक्त के PH मान की यथास्थिति बदलती रहती है।
रक्त का न्यूनतम PH मान 7.35 है। अगर जांच करने पर रक्त का PH मान इससे कम आता है,तो इसका सीधा सा अर्थ निकलता है कि,मनुष्य का रक्त अम्लीय है। रक्त का अधिकतम PH मान 7.45 है।किन्तु PH मान इससे अधिक आने का अर्थ है की जिस मनुष्य के रक्त की जांच की गई है, उसका रक्त क्षारीय है।
मनुष्य के रक्त का PH मान जिन बीमारियों के कारण बदल सकता है उन बीमारियों के नाम है जैसे डायबिटीज, दमा, किडनी और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां, एच०आई०वी, हृदय आघात से जुड़ी बीमारी, रक्त बहना ना रूक पाना, किसी दवा की अत्यधिक मात्रा का सेवन कर लेना, शरीर में मौजूद किसी भी तरीके का इन्फेक्शन या फिर पॉइजनिंग इत्यादि।
यह कुछ मुख्य कारक है जिनके कारण मनुष्य के रक्त का PH मान बदल जाता है।किसी भी प्रकार का ज्वर होने पर मनुष्य के रक्त का PH मान बदल जाता है।सामान्य ज्वर के लिए तो कोई चिंताजनक बात नहीं होती है। किन्तु रक्त की जांच करने पर मलेरिया, डेंगू , दिमागी बुखार जैसी बीमारियों का स्पष्ट हो जाना चिन्ताजनक हो जाता है और यह सब रक्त के PH मान के बदलने के कारण ही पता लगाया जाता है।
रक्त की जांच करने के लिए PH मान एक आधार है। जो यदि 7.35 से 7.45 के बीच है तो यह एक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त का PH मान होता है। रक्त के PH मान को हम जान जान चुके है। आइए अब आपके साथ रक्त से सम्बन्धित कुछ और रोचक जानकारियों को साझा करते है।
What is the pH value of human blood ?:7.35 to 7.45
मनुष्य रक्त में दो प्रकार की रुधिर कणिकाएं होती है। लाल रक्त कणिकाएं और श्वेत रक्त कणिकाएं। लाल रक्त कणिकाएं हमारे शरीर के हर एक हिस्से में ऑक्सीजन को पहुंचाने का कार्य करती है। लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण मनुष्य की रीड की हड्डी में मौजूद बोन मैरो में होता है। सफेद रक्त कणिकाएं मनुष्य को बीमारियों से बचाने का कार्य करती है।
मानव रक्त में मौजूद सफेद रक्त कणिकाएं मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखती है। सफेद रक्त कणिकाओं के रक्त में अधिक बढ़ जाने पर यह ल्यूकेमिया यानी ब्लड कैंसर का ही एक प्रकार है जैसी घातक बीमारी को दर्शाता है। मनुष्य रक्त में मौजूद प्लेटलेट्स भी एक महत्वपूर्ण कार्य करते हैं।प्लेटलेट्स मनुष्य के शरीर में मौजूद रुधिर को किसी भी प्रकार का नुकसान होने से बचाए रखते है।
मनुष्य के रक्त में मौजूद प्लाज्मा भी महत्वपूर्ण कार्य करते है। प्लाज्मा का कार्य यह है कि मनुष्य के शरीर में अगर कहीं पर भी कोई क्षति होती है और वहां से रक्त निकलने लगता है तो रुधिर का थक्का जमने से वह रक्त बहना रुक जाता है और रुधिर का थक्का जमने की क्रिया केवल प्लाज्मा के रक्त में मौजूद होने के कारण ही हो पाती है।
विटामिन K की मनुष्य शरीर में कमी हो जाने से रुधिर का थक्का नहीं जम पाता है। इसका मतलब यह है कि प्लाज्मा कार्य नहीं कर पाता है। अगर मनुष्य के रक्त का प्लाज्मा कार्य नहीं करेगा तो रुधिर का बहना नहीं रुकेगा। जिस कारण मनुष्य के शरीर का रुधिर समाप्त हो जाने से मनुष्य की मृत्यु हो सकती है।आपको हम बता दें कि मनुष्य के शरीर के कुल वजन का 7% वजन केवल मनुष्य में उसके रक्त का होता है।
यह थी रक्त से जुड़ी हुई रोचक जानकारियां जिसमें हमने जाना कि मनुष्य के शरीर में रक्त का PH मान क्या होता है और रक्त में मौजूद लाल रक्त कणिका, श्वेत रक्त कणिका और प्लेटलेट्स मनुष्य के शरीर में क्या महत्व रखती है।
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