नमस्कार दोस्तों चलो आज हम लोग हिंदी में 10 पंक्तियां जगन्नाथ रथ यात्रा पर, Few Lines about Rath Yatra in Hindi के बारे में पढ़ेंगे।
10 पंक्तियां जगन्नाथ रथ यात्रा पर | Few Lines about Rath Yatra in Hindi Paragraph on Rath Yatra in Bengali School Students Class 1-12
जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव भगवान् जगन्नाथ (भगवान कृष्ण) के लिए और उनके सम्मान में मानते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव में भगवान् जगन्नाथ को जो कि लकड़ी से बने होते हैं एक रथ में सुसज्जित किये जाते हैं। रथ यात्रा को रथों के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, जहां तीन रथ भक्तों द्वारा खींचे जाते हैं। रथ यात्रा मुख्य रूप से भगवान जगन्नाथ के लिए मनाई जाती है| इस यात्रा में, भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपने रथ पर मंदिर जाते हैं। ऐसा कहा जाता है की यह पर्व भारत का सबसे पुराण त्यौहार है|
10 Lines on Rath Yatra in Hindi
- जगन्नाथ रथ ओडिशा के एक नगर के नगर पूरी में हर वर्ष बड़ी धूमधाम से निकलती है।
- जगन्नाथ रथयात्रा में तीन रथ होते हैं, जिसमें पहले रथ में बलराम दूसरे रथ में देवी सुभद्रा और और तीसरे रथ में जगन्नाथ भगवान बैठे होते हैं।
- जगन्नाथ रथ यात्रा में तीनों रथ पूरे शहर में घुमाए जाते हैं।
- ओडिशा के लोग जगन्नाथ भगवान को खुद का राजा मानते हैं।
- जगन्नाथ रथ यात्रा नीम की लकड़ी से तीनों रथों का निर्माण होता है। इसको बनाने में कोई धातू उपयोग नही की जाती है।
- भगवान जगन्नाथ के रथ में 16 पहिए, बलराम के रथ में 14 पहिए और देवी सुभद्रा के रथ में 12 पहिए होते हैं।
- जगन्नाथ रथ यात्रा में रथ को खींचने के लिए लोग हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसा कहते हैं कि जो इन रथ को खींचता है वह मुक्त हो जाता है।
- जगन्नाथ रथ यात्रा में हर साल नए रथ बनाए जाते हैं। वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की द्वातीय तिथि से रथ को बनाना शुरू किया जाता है।
- जगन्नाथ रथ यात्रा ओडिशा में पूरे 10 दिनों तक चलती है।
- जगन्नाथ रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ को श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है।
10 Lines on Rath Yatra in Bengali
- জগন্নাথ রথ ওড়িশার শহর নগর পুরীতে প্রতিবছর দুর্দান্ত আড়ম্বরের সাথে উত্পন্ন
- জগন্নাথ রথযাত্রায় তিনটি রথ রয়েছে, প্রথম রথটিতে বলরাম, দ্বিতীয় রথে দেবী সুভদ্রা এবং তৃতীয় রথে ভগবান জগন্নাথ রয়েছে
- জগন্নাথ রথযাত্রায় তিনটি রথই পুরো শহর জুড়ে গড়িয়ে পড়ে
- ওড়িশার লোকেরা ভগবান জগন্নাথকে তাদের রাজা হিসাবে বিবেচনা করে
- তিনটি রথই নিম কাঠ থেকে তৈরি। এটি তৈরিতে কোনও ধাতব ব্যবহার হয় না
- ভগবান জগন্নাথের রথটিতে 16 চাকা রয়েছে, বলরামের রথটিতে 14 চাকা রয়েছে এবং দেবী সুভদ্রার রথটিতে 12 চাকা রয়েছে
- জগন্নাথ রথযাত্রায় লোকেরা রথ টানতে সর্বদা প্রস্তুত থাকে। বলা হয়ে থাকে যে যে এই রথগুলি আঁকেন সে মুক্ত হয়
- নতুন রথ প্রতি বছর নির্মিত হয়। বৈশাখ মাসের শুক্লপক্ষের দ্বিতীয় তারিখ থেকে রথটি তৈরি করা শুরু হয়
- ওড়িশায় পুরো 10 দিন যাত্রা চলে
- ভগবান জগন্নাথকে শ্রী কৃষ্ণের অবতার বলে মনে করা হয়।
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