दोस्तों आपको पता है कि भारत की राजधानी का नाम क्या है? Bharat ki Rajdhani Kaha hai
भारत की राजधानी का नाम: दिल्ली
भारत विब्भिंताओ का देश है , और दिल्ली सभी विब्भिंताओ को अपने में समेटे हुए है। शायद इसी कारन से दिल्ली को इस देश का दिल कहते है। सभी प्रदेशो से लोग दिल्ली में आते है। सबका मकसद अलग होता है लेकिन यहाँ आने के बाद दिल्ली सबको अपने रंग में रंग ही देती है। चाहे खाना हो या रेहान सेहन उच्च दर्ज़े से लेकर निचले दर्ज़े तक सभी वर्ग आपको यहाँ दिख जाएंगे।
तीन दिशाओ में हरियाणा से घिरी हुई दिल्ली अपना कुछ भाग उत्तर प्रदेश के साथ भी बाटती है। छात्र, उद्योगपति, आईटी, मीडिया सभी छेत्रो से जुड़े लोग दिल्ली में अपना सिक्का ज़माने की इच्छा से आते है। दिल्ली MEI देश के सभी प्रसिद्द और महत्त्वपूर्ण विश्वविद्यालय है, जवाहरलाल यूनिवर्सिटी, इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी , दिल्ली यूनिवर्सिटी और ओपन शिक्षा की सबसे बड़ी संस्था इंदिरा गाँधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी भी दिल्ली में ही है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेशजैसे राज्यों से छात्र इन संस्थाओ में अपने उज्जवल भविष्य का सपना लेकर आते है।
भारत के इतिहास को दर्शाती कई ऐतिहासिक इमारते है जिन्हे देखने दुनिया भर से लोग आते है। दिल्ली की जनसँख्या वहा के मूल निवासियों से कम बल्कि वह बसने वालो से ज्यादा प्रभावित है।बढ़ती हुई जनसँख्या की वजह से यहाँ प्रदूषण बढ़ गया है, गाड़ियों और मोटर कारो के कारन अक्सर बारिश में पानी भरने की शिकायत आती है। दिल्ली चुनाव में बढ़ते हुए प्रदूषण को अक्सर एहम मुद्दा बनाया गया है पर ताजूब और हास्यपद यह है की चुनाव के समय जो नेता वातावरण
बचाने के वादे करते है दरसल उन्ही की चुनाव रैलियों में सबसे ज्यादा प्रदूषण शोर और गाड़ियों के धुए से फैलाया जाता
है।
खैर कमिया तो लाख है पर जैसा की हम अक्सर कहते है की कमिया हर जगह है उसी तरह दिल्ली लाख कमियों के
बावजूद अपनी चमक रखता है, वर्तमान में ये असीम सम्भावनाओ का शहर है।
१ लाल किला
लाल किला शाह जहाँ ने बनवाया था। लाल पत्थरो से बना ये किला २०० सालो तक शाहजहांबाद कहलाया। मुग़ल राज
के समय यह किला राजनीतिक बैठकों की महत्त्वपूर्ण जगह थी।
आज लाल किला इतिहास को बटोरे मजबूत खड़ा है और हज़ारो पर्यटकों के लिए दार्शनिक कलाकृति है।
दिल्ली में घूमना ।
२। जामा मस्जिद
जामा मस्जिद भारत के सभी महत्त्वपूर्ण पूजा स्थलों में से एक है। इसका निर्माण १६४४ में शाह जहाँ के राज्य के दौरान
हुआ था।
आज भी लाखो मुस्लिम यहाँ हर शुक्रवार को नमाज़ अदा करने आते है।
३। राज घाट, लोटस टेम्पल, अग्रसेन की बाओली कुछ अन्य ऐतिहासिक और देखने योग्य इमारते है।
बाजार घूमने के शौक़ीन लोगो के लिए कनाट प्लेस , और सरोजिनी नगर चहल पहल वाली बाज़ार है। यहाँ आप मोल
भाव करके बहोत साडी खरीददारी कर सकते है । इसके साथ ही यहाँ आप दिल्ली के स्वाद का भी भरपूर आनंद ले सकते
है। चोली कुलचे से लेकर चिकन बिरयानी और मुग़ल व्यंजनों से ये बाजार खचाखच भरा हुआ रहता है। शाम के वक़्त ये
बाजार हर समय किसी मनमोहक पर्व के लिए सजा हुआ लगता है।
दिल्ली को भारत की राजधानी क्यों बनाया गया था भारत की राजधानी?
दिल्ली भारत की राजधानी बनाए जाने के बहुत सारे कारण पहले भारत की राजधानी कोलकाता हुआ करती थी| अंग्रेजों के शासन काल में राजधानी कोलकाता हुआ करती थी, अंग्रेजो ने सोचा की दिल्ली से उसका राजपाठ और संचालन और अच्छी तरीके से हो जाएगा कुंकि ये मध्य में है। तब अंग्रेजो ने भारत की राजधानी दिल्ली बनाने पर विचार किया। तब १२ दिसंबर सन १९११ को राजा जॉर्ज पंचम ने इसे आधिकारिक तौर पर राजधानी बनाने का आदेश दिया था|
आज दिल्ली बहुत ज्यादा विकास कर गया है दिल्ली में सबसे ज्यादा फेमस दिल्ली मेट्रो है और दिल्ली में लाल किला है और भारत का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर अक्षरधाम भी है ऐतिहासिक इमारत इंडिया गेट भी है राष्ट्रपति भवन भी दिल्ली में उपस्थित है|
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