मातृभाषा हिंदी पर निबंध |Essay on Hindi Bhasha ka Mahatva
हिंदी भाषा दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा है| दुनिया में सर्व प्रथम संस्कृत भाषा का निर्माण हुआ उसके बहुत जल्द देवनागरी लिपि जो आज हिंदी के नाम से जानी जाती है उसका अस्तित्व आया| हिंदी संस्कृत भाषा का सरल अनुवाद है|
संस्कृत को सरल करने के लिए हिंदी का जन्म हुआ है| हिंदी के बाद भारत वर्ष में तमिल, तेलगु ,कन्नड़, गुजरती, उर्दू तथा कई अन्य भाषा अस्तित्व में आयी| सम्पूर्ण दुनिया पहले सिर्फ भारत थी आज सहस्त देशों में बट चुकी है| आज के आधुनिक संसार में ऐसा कोई देश नहीं जहाँ हिंदी न बोली जाती हो क्योंकि हर जगह का अस्तित्व भारत से हुआ है और हिंदी भारत की धरोहर है|
हिंदी शब्द का जन्म संस्कृत भाषा के सिन्धु शब्द से हुआ है| सिन्धु एक नदी का नाम है जो की भारत वर्ष की प्रमुख और प्राचीन नदियों में से एक है| बाहरी महाद्वीप के लोग इस नदी को उदाहरण के रूप में “जिस देश में ये नदी है” वहां के लोगों को सिंधु न कह के हिन्दू पुकारने लगे क्यों की उनके तलाफुज़ में स शब्द निकलना बहुत कठिन होता था, जिस वजह से स की जगह ह लगा कर सिंधु को हिन्दू कहने लगे|
तब से भारत के लोगो को हिन्दू पुकारा जाने लगा, और आगे चल के पूरा देश हिंदुस्तान के नाम से जाना जाने लगा और उसी हिन्दू से हिंदी शब्द आया और हिंदी भाषा का नाम करण हुआ| हिन्दू शब्द किसी भी शास्त्र, वेद, पुराण, उपनिषद में कहीं नहीं है, यह नाम हमे ज़बरदस्ती सौंपा गया है| आज के हिन्दू वास्तव में सनातन तथा आर्य है और सभी नए धर्म के लोग भी पहले सनातन ही थे| .
हमारे देश में हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का दर्ज़ा मिला है परंतु उसको आधिकारिक काम में कोई अहमियत नहीं | आधिकारिक काम काजो में अंग्रेजी को ही महत्व दिया जाता है| आज के समय हिंदी भाषा सिर्फ नाम मात्रा के लिए श्रेष्ठ है, इसका महत्व लोग भूलते जा रहे है| हम सभी हिंदी में ही वार्तालाप करते है ये एक बहुत ही अच्छी बात है|
हिंदी एक मात्रा ऐसी भाषा है जिसको समझना बाकी हर भाषा से सबसे सरल है| हिंदी हर एक भारतीय को अानी चाहिए क्योंकि इसने हमे जीवन के आदर्श सिखाये है|
हिंदी देवनागरी लिपि में लिखा जाता है| हिंदी भारत की राष्ट्र भाषा नहीं है क्योंकि की भारत के संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रीय अधिकार नहीं दिया गया है| हिंदी भाषा से ही अन्य सभी भाषाओँ का विस्तार हुआ है | हिंदी की देवनागरी में 11 स्वर और 33 व्यंजन होते हैं जो की बाएं से दाएं लिखी जाती है| भारत में हिंदी को सर्व प्रिय मन जाता है|
हिंदी भाषा आज के समय मज़ाक का विषय बनते जा रहा है| आज के समय अंग्रेजी को ज़ादा महत्व दिया जा रहा है| आज के समय में किसी विद्यार्थी से हिंदी की वर्णमाला सुनाने को कहा जाए तोह ९० प्रतिशत लोग इसमें असफल रहेंगे, वहीं अंग्रेजी की वर्णमाला शायद ही किसी पढ़ने वाले विद्यार्थी से न बने|
आज के समय हिंदी विश्व की पांच सबसे प्रसिद्ध भाषाओ में से एक है | एक तरह से समझा जाए तो हिंदी हमारे दिल की भाषा है और आज अंग्रेजी पेट की भाषा है| आज देश में हिंदी और अंग्रेजी की लड़ाई में हिंदी हारती जा रही है| देश में हिंदी बोलने वालों को महत्व नहीं दिया जा रहा है | हिंदी ही एक मात्र भाषा है जिसमे इंसान अपनी अनुभूति, अभिव्यक्ति पूर्ण रूप से ज़ाहिर कर सकता है अन्यथा ये किसी और भाषा में पूर्ण रूप से नहीं पाया जाता|
हिंदी का सबसे बड़ा महत्व ये है की इस भाषा में त्रुटि बिल्कुल भी नहीं है| ये जैसे बोली जाती है वैसे ही सोची और समझी जाती है| भारत की हिंदी फिल्मे पूरी दुनिया में देखि और पसंद की जाती है और भारत का संगीत जो की हिंदी भाषा से निर्मित सबसे ज़ादा गाया और बजाया जाता है| भारत की हिंदी फिल्मों का देश के लोगों पे ज़बरदस्त प्रभाव होता है और ये भारत के बहार भी अपनी छाप छोड़ती है| दुनिया में सबसे ज़ादा गाने हिंदी भाषा में बने है |
किसी भी देश की भाषा उसकी उनती का मार्ग होती है और भारत में हिंदी ने सबसे अहम् भूमिका निभाई है| हिंदी भाषा ही एक भाषा है जिसने पुरे देश को एकता के बंधन में बांध के रखा है| हमारे देश के संविधान में हिंदी को देश की संघ भाषा का दर्जा दिया गया है | आज पूरे विश्व में तकरीबन १३० देशो में हिंदी भाषा का अध्यन होता है|
आज के समय कोई भी व्यक्ति पूर्ण रूप से शुद्ध हिंदी में वार्तालाप नहीं करता| यह एक गंभीर विषय है जिसे समय रहते इसका समाधान ढूँढना बहुत आवश्यक है | भारत देश के विश्वप्रसिद्ध नेताओं ने हिंदी का महत्व बखूबी समझा और उसे बहुत सम्मान दिया है जैसे स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी, लाल बहादुर शास्त्री, राजीव गाँधी इत्यादि|
श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने एक बार संयुक्त राष्ट्र की बैठक में हिंदी में इतना प्रभावशाली भाषण दिया था जिसको विश्व में सभी सुनने वाले लोग स्तब्ध रह गए थे | वर्तमान में भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हिंदी का महत्त्व दुनिया को बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी, उनके भाषण हमेशा हिंदी में रहते है चाहे वो कोई भी राज्य या देश में जाए| हिंदी भाषा इतनी प्रभावशाली है की आज दूर देश से लोग हिंदी पढ़ने भारत आते है|
पिछले कुछ वर्षो में हिंदी का सत्तर काफी बढ़ा है जिसमे श्री नरेंद्र मोदी जी का बहुत बड़ा योगदान है| पर फिर भी हिंदी का सत्तर उस स्थान पे नहीं है जहाँ उससे होना चाहिए था, इसके लिए हमे अपनी शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधर करने पड़ेंगे, वैसे भी हमारे देश की शिक्षा प्रणाली एक दम निचले सत्तर पे है|
भारत में हिंदी के लेखकों ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है जिसमे कई प्रसिद्ध लेखक,कवी,गीतकार और साहित्यकार को आज भी उनके कार्य के लिए हमेशा याद किया जाता है जिसमे कालिदास, आर्यभट,कबीर, मुंशी प्रेम चाँद, हरिवंश राइ बच्चन, आनंद बक्शी, समीर अनजान, गुलज़ार, जावेद अख्तर, रविंद्र जैन , ये सब वो नाम है जिनकी तारीफ़ के लिए हिंदी के सभी शब्द कम पड़ जाए| हिंदी के गीतकार समीर को २०१५ में तकरीबन ३५२४ हिंदी गीत लिखने पे गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया|
ये सभी बातें हिंदी की महानता को दर्शाती है| तारीख १४ सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में बहुत धूम-धाम से हर जगह मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन १९४९ में, भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में गणराज्य भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में लिखी हिंदी को अपनाया था।
हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है| इसलिए हिंदी के महत्व को समझे और दुसरो को भी समझाएं |
अंततः इससे याद रखे ,
“हिंदी किसी एक प्रदेश की भाषा नहीं बल्कि देश में सर्वत्र बोली जाने वाली भाषा है” -विलियम |
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