भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध | Essay on National Animal of India in Hindi

दोस्तो आज हम इस पोस्ट में भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध (Essay on National Animal of India in Hindi) के बारे में पढ़ेंगे ।यदि आपको नही पता है तो यहाँ आपको पूरी जानकारी मिलेगी।

भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ(National Animal of India in Hindi)

भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध:- भारत एक ऐसा शक्तिशाली देश है जहां अनेक प्रकार के धर्म, जाति के लोग प्रेम से मिलजुल कर रहते हैं। इसी एकता के कारण भारत अन्य देशों के मुकाबले में कई ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है।

भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ पर निबंध Essay on National Animal of India in Hindi

जिस तरह भारत एक शक्तिशाली देश है। उसी प्रकार बाग भी एक शक्तिशाली जानवर है।बाघ एक राष्ट्रीय पशु है| बाघ के शक्तिशाली एवं निडरता के कारण उससे भारत का राष्ट्रीय पशु माना गया है। बाघ का शरीर बहुत मजबूत तथा रंग पीला/हल्का भूरा होता है। इस पर काली धारियां भी होती हैं जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। बाघ की पूंछ लंबी होती है तथा इसके चार पैर एवं दांत बड़े और पैने होते हैं। बाघ के पंजों में नुकीले नाखून भी होते हैं जिसके द्वारा वह अपने शिकार को मजबूती से पकड़ता है।

बाघ बिल्लियों की प्रजाति का ही सबसे बड़ा जानवर होता है। बाघ की शक्ल एक बिल्ली की तरह दिखाई देती है। यह ज़्यादातर जंगलों में पाया जाता है। बाघ का भोजन मास होता है और यह अधिक हिंसक तथा क्रूर जानवर होता है।

भारत सरकार द्वारा भारत में बाघ का शिकार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बाघ को देखने के लिए हम सर्कस या चिड़ियाघर जा सकते हैं।

बाघ अधिकतर बांग्लादेश एवं पश्चिम बंगाल में स्थित सुंदरबन मे होते हैं। बाघ अलग-अलग रंगों के होते हैं, जैसे- सफेद, नीले एवं नारंगी काली पट्टी वाले।

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सरकार द्वारा भारत में अप्रैल 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” नाम का एक कार्यक्रम चलाया गया था। जिससे भारत में बाघों की घटती संख्या को बनाए रखा जा सके। प्रोजेक्ट टाइगर के कारण भारत में बाघों की संख्या अब आरामदायक स्थिति में है।

बाघ का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। यह उप जाति एवं उनके द्वारा पाए गए स्थानों के आधार पर इनके आकार तथा वजन अलग-अलग होते हैं। बंगाल बाघों की उत्पत्ति साइबेरिया में ही हुई थी, परंतु वह ठंडी जलवायु की वजह से दक्षिण की ओर चले गए थे। साइबेरिया के बाघ सबसे बड़े होते हैं। इनमें मादा को नर बाघ से छोटा ही माना जाता है।

बाघ जो कि एक जंगली जानवर होता है। इसको भारत सरकार ने राष्ट्रीय पशु घोषित किया है। बाघ से सब को डर एवं खतरा है। यह अधिक शक्तिशाली होने के साथ-साथ लंबी दूरी तक कूद भी सकता है। बाघ बहुत शांत लगता है, परंतु यह बहुत चालाक होता है। बाघ अचानक से लंबी दूरी से कूदकर अपना शिकार पकड़ सकता है। बाघ जंगली जानवरों जैसे- हिरन,गाए, बकरी, कुत्ते, खरगोश आदि के खून एवं मांस खाता है। बाघ को जंगल का राजा कहा जाता है।

भारत में बाघों की संख्या दिन-ब-दिन कम होती जा रही थी। भारत में इन शाही जानवरों के अस्तित्व की सुरक्षा के लिए 1973 में सरकार ने प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया था। इनकी लगभग 8 नस्ले होती हैं तथा रॉयल बंगाल टाइगर नाम की जाति लगभग पूरे भारत देश में पाई जाती है। सरकार द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर के शुरू होने के कई वर्षों बाद भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि देखी गई। भारत में 1993 की जनगणना के अनुसार भारत देश में बाघों की कुल आबादी लगभग 3,750 थी।

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बाघ बिल्ली के परिवार में आता है। बाघ विभिन्न रंगों; जैसे – शरीर पर अलग-अलग काली धारियों के साथ नारंगी, सफेद, और नीला रंग का होता है।

बाघ एक जंगली जानवर होता है, जो भारत में राष्ट्रीय पशु माना जाता है। बाघ एक जंगली जानवर है, जिसे भारत में भारतीय सरकार के द्वारा राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। बाघ से सभी डरते है क्यूंकि यह खुंखार ताकतवर जंगली पशु है, जो लम्बी दूरी तक छलांग लगा सकता है। यह बहुत ही शान्त दिखता लेकिन बहुत ही चालाक होता है बाघ बहुत अधिक दूरी से भी अपने शिकार का शिकार कर लेता है। यह दूसरे पशुओं; जैसे – गाय, हिरन, बकरी, खरगोश आदि को भी खा लेता है।

बाघ जंगल का राजा होता है इसे जंगली जीवन में धन का प्रतीक माना गया है। बाघ ताकत, आकर्षक, बहुत अधिक शक्ति और चपलता का मिश्रण होता है|

भारत में बाघ आमतौर पर सुन्दर वन (असम, पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा, मध्य भारत आदि) में देखे गएँ हैं।

बाघों की निम्न प्रजातियाँ पाई गयीं हैं:

  1. बंगाल टाइगर,
  2. साइबेरियन बाघ,
  3. समनत्रन बाघ,
  4. मलयान बाघ,
  5. ईडो-चाइनीज़ बाघ
  6. दक्षिणी चीनी बाघ

बांध की 3 प्रजातियां जवन बाघ, कैस्पियन बाघ और बाली विलुप्त हो चुकी है. बाघ जंगल में एकांत में रहना पसंद करता है यह भारत में हर जगह पाया जाता है लेकिन सुंदरवन जंगल में यह सबसे अधिक ज्यादा देखा गया है. यह छुप कर अपना शिकार करता है और झपट्टा मार के उसको खा लेता है. बाघ 40 से 65 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकते हैं लेकिन भारी होने के कारण है जल्द ही थक जाते है.| बाघ का जीवनकाल 10 से 15 वर्ष का होता है लेकिन कुछ बांध 25 वर्ष की आयु तक भी जीवित रहते है यह जंगल में ज्यादातर अकेला रहना ही पसंद करता है. बाघ की पैर गदीदार होते है |

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माना जाता है कि, कुल बाघों की संख्या का आधा भाग भारत में निवास करता है। जबकि , पिछले कुछ समय से भारत में बाघों की संख्या में लगातार बकमी आई है। जिसके लिए भारत की सरकार ने “प्रोजेक्ट टाइगर” को बाघ के अस्तित्व को बचाने के लिए शुरु किया।

बाघ दिन के समय सोता है और रात में अपना शिकार करता है। यह अपने शिकार को बड़ी ही सावधानी के साथ झाड़ियों में छुप कर देखता है, और मौका मिलते ही बड़ी चालाकी और अपनी तेज रफ्तार से अपने शिकार को पकड़ लेता है।

बाघ की दहाड़ बहुत खतरनाक होती है। वह जब गुस्से में आता है तो बहुत तेज आवाज में दहाड़ता है, उसकी एक दहाड़ से पूरा जंगल गूंज उठता है। बाघों की लंबाई और वजन की बात करें तो, एक बात का वजन 150 किलो होता है, और उसकी लंबाई लगभग 13 फीट की हो सकती है। इसकी सूंघने की शक्ति बहुत ही तेज होती है, जिससे वह अपने शिकार को सूंघ के ही पहचान जाता है।

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