अमेरिका की GDP कितनी है ? : अमेरिका जिसका आधिकारिक नाम संयुक्त राज्य अमेरिका भी है दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति माना जाता है. अपनी सैन्य, आर्थिक और ताकिनी शक्ति की बदौलत उसने वर्ल्ड आर्डर में अपनी बादशाहत सी कायम कर ली है. अमेरिका की आर्थिक शक्ति बनने की पीछे सबसे बड़ा कारण है उसकी विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होना. अर्थव्यवस्था यानी इकॉनमी की वैल्यू हम जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद से निकालते है. जीडीपी (GDP) यानी gross domestic product का अर्थ होता है किसी भी वित्तीय वर्ष में एक देश की कुल उप्तादो और प्रोडक्ट्स की पूर्ण लागत. दूसरे शब्दों में समझे तो इसका अर्थ होता है कि इकॉनमी में कितने सारे गुड्स और सर्विसेज का प्रोडक्शन हुआ.
साल 2019 में प्रकाशित हुई इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) यानि आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका देश की जीडीपी 21.44 ट्रिलियन डॉलर्स थी. इस हिसाब से अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. इसके बाद नम्बर आता है चीन का. आपको जानकार हैरानी होगी अमेरिका की इकॉनमी सन 1871 से प्रथम स्थान हासिल किये हुए है. साल 2020 के आर्थिक अनुमानों के अनुसार अमेरिकी इकॉनमी की जीडीपी 22.32 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच सकती है. Purchasing Power Parity (PPP) के मामले में यह पहले नंबर वन रहा करता था परन्तु चीन ने पहला हासिल कर लिया है इसलिए फिलहाल अमेरिका दूसरे स्थान पर है.
अमेरिका की GDP कितनी है ? IMF की रिपोर्ट के अनुसार
IMF रिपोर्ट में अमेरिका का (PPP) 21.44 ट्रिलियन डॉलर्स था. अमेरिका ने इसे 2023 तक करीब 24 ट्रिलियन यानी खरब डॉलर्स तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है. इस लक्ष्य को हासिल करने के बाद वह चीन को पीछे छोड़ हर आर्थिक सूचांक में फिर से दुनिया की नंबर एक आर्थिक शक्ति बन जायेगा.
प्रति व्यक्ति जीडीपी (Per Capita GDP) के अनुसार अमेरिका का स्थान आठवे नंबर पर आता है जबकि PPP GDP के मामले में यह दसवे पायदान पर आता है. अमेरिका की जीडीपी पेट्रोलियम, गैस एवं स्टील सेक्टर का बेहद बड़ा शेयर है जो इन सेक्टर्स के अहम योगदान को दर्शाता है. हालाँकि अमेरिका का अधिकतर बजट डिफेन्स यानी रक्षा मामलो पर खर्चा होता है फिर भी अन्य सेक्टर्स से उसकी अर्थव्यवस्था को काफी बूस्ट मिलता है.
अमेरिका की जीडीपी की इस शानदार विकास के पीछे उसकी मुद्रा अमेरिकी डॉलर $ का भी बहुत बड़ा योगदान है. इंटरनेशनल ट्रांसेक्शन (अंतराष्ट्रीय मौद्रिक लेन-देन) में इस्तेमाल की जाने वाली यह सबसे बड़ी मुद्रा है. इस देश में सबसे बड़ा योगदान सर्विस सेक्टर से ही आता है जबकि भारत के विपरीत कृषि क्षेत्र का योगदान बेहद छोटा है. इसके साथ अमेरिका दुनिया में आयात (IMPORT) के मामले में सबसे बड़ा देश है जबकि EXPORT (निर्यात) के मामले में यह दूसरे नम्बर पर आता है. अभी हाल ही में चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर हो गया था जो कि अभी भी अप्रत्यक्ष रूप से जारी है. इससे साफ़ होता है कि अमेरिका आर्थिक महाशक्ति बने रहने के लिए कुछ भी कर सकता है.
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