भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश की राजधानी क्या है (Bangladesh ki Rajdhani kya) है खास, जानिए इसकी खासियत।
भारत देश विश्व में तरक्की के नए पाठ लिख रहा है। 21वीं सदी का भारत आजादी के वक्त के भारत से काफी अलग है। आज के वक्त जीडीपी के मुताबिक भारत विश्व में पांचवे पायदान पर काबिज है। लेकिन यह सब आंकड़े औंधे मुंह गिर जाते हैं जब एशियाई डेवलपमेंट बैंक यह दर्शाता है कि इकॉनमी के आंकड़े में बांग्लादेश भी भारत को टक्कर दे रहा है। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बांग्लादेश और बांग्लादेश की राजधानी (Bangladesh ki rajdhani) के बारे में जानकारी देंगे।
बांग्लादेश की राजधानी (Bangladesh Ki Rajdhani): ढाका (Dhaka)
बांग्लादेश का इतिहास
दुनिया के मैप में बांग्लादेश के जन्म से पहले जन्म लिया था पाकिस्तान ने जिसका व्याख्यान हमारे बुजुर्ग लोग करते हैं अगर वे नहीं तो हर व्यक्ति 15 अगस्त के इंतजार करता है ताकि इस आजादी के संदर्भ में कुछ तथ्यों को देख पाए। उस समय बांग्लादेश भी पाकिस्तान का ही हिस्सा था। साल 1971 तारीख 26 मार्च को पाकिस्तान के हिस्से से अलग कर दिया गया। पूर्वी पाकिस्तान के नाम से प्रख्यात रह चुका यह देश आज के वक्त बांग्लादेश बन कर उभर रहा है।
बांग्लादेश का इतिहास भारत जितना ही पुराना है। बौद्ध ग्रंथों को ध्यान में लिया जाए तो बांग्लादेश के इतिहास का पहला पाठ तकरीबन 400 ईसवीं ईसा पूर्व आरंभ हुआ। बांग्लादेश यानी पाकिस्तान के इस भाग में इस्लामीकरण मुगल सम्राज्य के व्यापारियों ने शुरू किया। यही कारण भी है कि बांग्लादेश में आज भी मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा संख्या में मैजूद है।
बांग्लादेश में कुल 17 करोड़ मुस्लिम आबादी रहती है। जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ था तो मात्र यह दो देश नहीं बल्कि कई राज्यों का भी बंटवारा हुआ था जिसमे पंजाब का नाम तो अधिकतर जनता जानती है, लेकिन इस लिस्ट में बंगाल का नाम भी शामिल था।
बंगाल के भी दो हिस्से करने पड़े जिसमें से एक भारत के साथ शामिल हो गया और उसे ‘पश्चिम बंगाल’ का नाम मिला और कलकत्ता राज्य की राजधानी। वहीं दूसरी तरफ बना बांग्लादेश जिसकी राजधानी बनने की उपाधि मिली ढाका को। ढाका जो कि बांग्लादेश की राजधानी (Bangladesh ki rajdhani) है, के भी बेहद मशहूर किस्से हैं।
‘ढाका’ है बेहद खास
Bangladesh ki rajdhani ‘ढाका’, बांग्लादेश को तरक्की की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए बेहद कारगर है। बांग्लादेश में बूढ़ी गंगा नदी के तट पर बड़े शान से टिकी बांग्लादेश की राजधानी (Bangladesh ki rajdhani) ‘ढाका’ न केवल राजधानी है बल्कि इसके साथ यह शहर बांग्लादेश का औद्योगिक और प्रशासनिक कार्यभार भी संभालता है।
‘मस्जिदों का शहर’ कह जाने वाले इस शहर को मुग़ल काल मे “जहांगीर नगर” नाम दिया गया जो वर्तमान में 306.4 वर्ग किलोमीटर में अपनी जमीन बिछाए हुए हैं।बांग्लादेश की राजधानी (Bangladesh ki rajdhani) बनने के बाद ‘ढाका’ विश्व भर में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल हो पाया। जिसमें इसका साथ यहाँ की 1.1 करोड़ की जनसंख्या भी देती है। यह शहर विश्व में 11 पायदान पर आता है जब बात एक ही शहर में ज्यादा जनसंख्या की हो।
ढाका घूमने का हो प्लान तो चुनिए यह स्थान
हर जगह की जानकारी के साथ व्यक्ति थोड़ा बहुत घूमने का भी मन बनाकर ही चलना चाहता है। बांग्लादेश की राजधानी (Bangladesh ki rajdhani)’ढाका’ में भी बेहद उम्दा पर्यटन स्थल मौजूद है। जिनमे से कुछ की खासियत यहाँ नीचे लिखे हैं।
- राष्ट्रीय स्मारक:- हर देश के लिए उनके सैनिक बेहद खास होते हैं। उन्ही सैनिकों को समर्पित राजधानी ढाका से तकरीबन 35 किलोमीटर का रास्ता तय कर के जाएंगे तो आपको यह राष्ट्रीय स्मारक देखने को मिलेगा। यहाँ बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए ऊनी जान की आहुति दे चुके सैनिकों को याद किया जाता है।
- लालबाग किला:- यह किला जितना बांग्लादेश के लोगो के लिए या और वहाँ पहुंचे पर्यटकों के लिए खास है उतना ही यह भारत के लोगो के लिए भी खास है। बांग्लादेश भी पहले भारत का ही हिस्सा था। यह किला का निर्माण औरंगजेब के पुत्र मोहम्मद आजम ने किया था। जब भारत मे आम जनता ने अंग्रेजी सैनिकों के खिलाफ विरोध किया था तो ब्रिटिश सैनिकों ने यही शरण लिया जो गिनती में 260 थे।
ऐसे ही कई अन्य पर्यटन स्थल आपको बांग्लादेश की राजधानी (Bangladesh ki rajdhani)में मिल जाएंगे जो आपका इंतजार कर रहे हैं ताकि आप उसे निहार सके और ज्यादा जानकारी बटौर सके।
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