भारत के वर्तमान विदेश मंत्री कौन है 2020

भारत के विदेश मंत्री कौन है?

चलो दोस्तों आज भारत के विदेश मंत्री कौन हैं जानते हैं यह एक G.K. का बहुत ही महत्वपूर्ण का सवाल है|

भारत देश सन 1947 में अंग्रेजो की क्रूरता वः अधिनायकत्व से आज़ाद हुआ था। 26 जनवरी 1950 को भारत राष्ट्र को अपना संविधान मिला, जिससे भारत सरकार की स्थापना हुई। भारत सरकार की स्थापना देश की राजधानी दिल्ली में हुई। भारत सरकार  में आज कुल 57 मंत्रालय कार्य रथ हैं। प्रत्येक मंत्रालय के अपने मंत्री हैं, इन्ही मंत्रियो पर उस विशेष मंत्रालय का सही से कम करना, सेवा आदि की जिम्मेदारी होती हैं।

भारत के वर्तमान विदेश मंत्री: एस. जयशंकर

Bhart Ke videsh Mantri kon hain

इनमें से कुछ मंत्रालय कुछ इस प्रकार है जैसे गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और कृषि मंत्रालय आदि। यह सबी मंत्रालयो का काम करते रहना बेहद आवश्यक हैं, क्युकि अगर कोई एक भी मंत्रालय ने अपना काम सही पूर्वक नही किया तोह देश को भारी विपदा का सामना भी करना पड़ सकता हैं। आज हम विदेश मंत्रालय के विषय मे जानेंगे।

विदेश मंत्री भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रमुख हैं। विदेश मंत्री की कई भूमिकाएं हैं, जैसे मंत्रालय का निरक्षण, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत और भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना। विदेश मंत्री भारत के विदेश नीतियों पर भी चर्चा और सुधारने की कोशिश भी करते रहते हैं। यदि किसी भारतीय को बहार देश में किसी प्रकार की सहायता होती है तोह विदेश मंत्रालय द्वारा उसे पूर्णत मदद दी जाती हैं।

भारत देश के पहले प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने भी विदेश मंत्री का कर्यबार संभाला था। भारत देश के कई और प्रधानमंत्री जैसे अटल बिहारी वाजपेयी जी,  पि. वि. नरसिम्हा राव जी, आई. के. गुर्जल जी आदि भी विदेश मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।

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देश के नए विदेश मंत्री श्री सुब्रमण्यम जयशंकर जी हैं। इन्होंने 31 मई 2019 को विदेश मंत्रालय की कमान भारत सरकार के विदेश मंत्री के रूप में संभाली थी। यह भारत के भारतीय जनता दल के सदस्य हैं। इनसे पहले देश की विदेश मंत्री का कार्यभार श्री मती सुषमा स्वराज के कन्दो पर था, जो भी भारतीय जनता दल की सदस्य हैं। सुब्रमण्यम जयशंकर का जन्म 9 जनवरी 1955 में नई दिल्ली में हुआ था। इन्होंने जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश मंत्रालय में विदेश सचिव के रूप में काम किया हैं।

इन्होंने ने सन 1977 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए। यह पहले संयुक्त राज्य अमेरिका (2014 से 2015), चीन (2009 से 2013) और चेक गणराज्य (2001 से 2004) में भारतीय राजदूत के रूप में कार्य किया था, और सिंगापुर के उच्चायुक्त (2007 से 2009) के रूप में कार्य किया था। एस. जयशंकर ने भारत वः अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बातचीत करने में भी काफ़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

इनकी विवाह क्योको जयशंकर (जापानी मूल की महिला) से हुआ था। इन्हे साल 2019 में पद्म श्री से पुरस्कृत किया गया है। यह भारतीय के ऐतिहास मे पहले व्यक्ति है जो विदेश मंत्री से पहले विदेश सचिव भी रह चुके है। इन्होंने अपनी  पढाई कैंब्रिज विद्यालय श्रीनिवासपुरी से की हैं, तथा स्नातक स्तर की पढ़ाई संत. स्टीफेन कॉलेज से ऍम.ए. की डिग्री हासिल कर की हैं। इनके 3 बच्चे हैं, दो बेटे ध्रुवा, अर्जुन और एक बेटी मेधा हैं। एस. जयशंकर को तमिल, रुसी, हिंदी, मंदारिन, जापानी, हंगेरियन वः अंग्रेजी बोलनी आती हैं। इनके पिता हमेशा से ही इनको हर काम के लिए प्रेरित, परहोत्साहन करते रहते थे। एक देश की पूरी दुनिया में पहचान उसके विदेश मंत्री के व्यहवार, शिष्टाचार, निम्रता आदि से बन ती हैं क्युकि वः ही अपने देश को अंतराष्ट्रीय समुदाय में प्रतिनिधत्व करता हैं।

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अतः भारत सरकार के विदेश मंत्री की काफी भूमिकाएं अदा करनी होती है, जिसे वः पूरी शिदत से पूरा करने की शपथ लेता हैं। देश का गर्व, देश की पहचान सब एक विदेश मंत्री के हाथ में होती हैं।

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