हेलो दोस्तों आज हम बात करेंगे स्वाइन फ्लू क्या है? (Swine Flu In Hindi) की। जो की हमारा स्वास्थय एकदम से डाउन कर देता है|
स्वाइन फ्लू क्या है? (swine flu in hindi)
यह एक तरह का संक्रामक रोग है जो तेजी से फैलता जाता है। यह एक वायरस वह महामारी के रूप में फैलने वाला संक्रामक रोग है। स्वाइन फ्लू सूअर द्वारा फैलने वाला संक्रामक रोग है। यह रोग सूअर को होता है तथा एक वायरस का रूप लेकर एक इंसान से दूसरे इंसान के शरीर में प्रवेश कर लेता है।
टीवी कलाकार विज्ञापन द्वारा इस साइन फ्लू से बचने के तरह तरह के उपाय आते रहते हैं। विज्ञापनों द्वारा इस संक्रामक रोग से बचने की एक मुहिम चलती रहती है। सभी प्रक्रिया के अंतर्गत इस रोकथाम से बचने के परिवर्तन आते रहते है। जो काफी हद तक सफल रहे हैं।
स्वाइन फ्लू के लक्षण (Swine Flu Symptoms in Hindi)
यह संक्रामक रोग चार से 5 दिन के अंदर अपना लक्षण दिखाना शुरू हो जाते हैं कभी-कभी यह 1 सप्ताह भी ले सकते हैं। लक्षण पता चलने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्वाइन फ्लू के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं जिनसे आफ स्वाइन फ्लू जैसे भयानक संक्रामक रोग को पहचान सकते हैं और इन से अपना बचाव कर सकते हैं|
चलिए जानते हैं स्वाइन फ्लू के कुछ लक्षण:
- संक्रामक रोग के लक्षण तेजी से नाक बहना और नाक का बंद हो जाना।
- तेजी से सर्दी हो जाना।
- तेजी से खांसी का आना गले में खराश का पैदा होना। सूखी खांसी का शुरू हो जाना।
- बुखार तेजी से आना बिना मौसम के ठंडी लगना।
- थकान होना सिर दर्द होना बॉडी में पेन होना।
- जी मिचलाना और उल्टी का आभास होना और उल्टी ना होना।
- पेट में तेजी से दर्द का होना।
- सांस लेने में परेशानी होना।
- कार्य की क्षमता नहीं रहती है कार्य करते समय थकावट का महसूस होना।
- सर्दी से निमोनिया का हो जाना।
स्वाइन फ्लू के कारण (Swine Flu Symptoms Cause in Hindi)
स्वाइन फ्लू होने के कुछ कारण हैं जिनको जानकर आप संक्रामक रोग की वजह जान जाएंगे।किन कारणों से यह महामारी जैसा भयानक रोग तेजी से फैलता जाता है।
- या एक वायरस है जिससे सूअर ही नहीं अपितु मनुष्य भी प्रभावित हो जाते है। और तेजी से फैलता जाता है।
- यह संक्रामक रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के अंदर प्रवेश कर लेते हैं। छींक आने पर या वायरस सामने वाले व्यक्ति को भी अपनी तरफ प्रभावित कर लेते हैं।
- या संक्रामक रोग स्पर्श से भी शरीर में प्रवेश करते हैं जैसे आंख नाक मुंह आदि को ज़रिए शरीर में आ जाना। इसकी मुख्य वजह यह है की यह वायरस होता है जो मेज कुर्सी दरवाजे आदि को स्पर्श करने से शरीर में प्रवेश कर लेता है।
- चीजो को स्पर्श करते वक्त हाथ ना धोना और उन चीजों को स्पर्श करने की वजह से रोगों का शरीर में आसानी से प्रवेश हो जाना।
- बात करते वक्त मुंह पर हाथ ना रखना और मुंह के थूक द्वारा वायरस के तौर पर दूसरे व्यक्ति में प्रवेश कर लेना।
स्वाइन फ्लू रोग से बचने के उपाय
स्वाइन फ्लू जैसे भयानक रोग से बचने के लिए कुछ उपाय हैं जिनका इस्तेमाल कर आप इस भयानक रोग से खुद का बचाव कर सकते हैं । इस वायरस को अपने शरीर में प्रवेश करने से रोक सकते हैं।
- यदि आप संक्रमित रूप से रोग ग्रस्त हैं और आप ठीक हो जाने के 24 घंटे के पश्चात ही घर में प्रवेश करें। ताकि यह रोग दूसरे को ना हो।
- किसी भी कार्य करने से पहले आप अपने हाथों को साबुन या हैंडवाश से अच्छी तरीके से बार-बार होना चाहिए ताकि या वायरस शरीर में ना हो और यदि आपके पास डिटॉल लिक्विड है तो आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
- आपको खांसी और छींक आए तो। आपने मुंह और नाक पर हाथ रखे ताकि या वायरस किसी और को ना हो। खांसी आते वक्त हाथ और कोनी का इस्तेमाल ना करें। इन सब चीजों में सावधानी बरतें।
- संक्रामक रोग से बचने के लिए भीड़ से दूर रहें। बीड़ में चलते वक़्त मुंह पर कपड़ा का इस्तेमाल करें अगर कपड़े की जगह आप मार्क्स का इस्तेमाल करें तो भी उचित होगा।
- गर्भवती स्त्रियों के लिए है कि वह जहां भी जाएं अपने साथ मार्क्स लिए रहे क्योंकि या शिशु के लिए बिल्कुल उचित होगा। गर्भवती स्त्रियों में इस वायरस की संभावना बढ़ जाती है ऐसे में सावधानी बरतें रहे।
- जिस व्यक्ति को भी या स्वाइन फ्लू हुआ है उस व्यक्ति के लिए स्वच्छ वातावरण का प्रबंध करें। देखभाल के लिए किसी एक व्यक्ति को चुने ताकि संक्रामक रोग फैले नहीं।
स्वाइन फ्लू का इलाज
डॉक्टरों ने इस वायरस से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय निकाले हैं। जिसका इस्तेमाल कर इस संक्रामक रोग की रोकथाम हो सकती है जानते इसके।
- इस रोग में व्यक्ति अपनी सारी कार्य क्षमता शक्तियों को खो देता है जिससे कोई भी कार्य करने में सक्षम नहीं रहता है। इस रोग से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह अनुसार रोगी को पूरी तरह से बेड रेस्ट की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में रोगियों को पूरी तरह आराम दे।
- डॉक्टर की सलाह अनुसार रोगियों को तरल पदार्थों की मात्रा देते रहे। ताकि रोगी खोई हुई शक्ति को प्राप्त कर सकें।
- इस रोग में व्यक्ति को खासी बहुत आती है ऐसे में डॉक्टर की सलाह अनुसार उसको खांसी की दवा देते हैं।
- डॉक्टर की सलाह अनुसार रोगी की हड्डियों में दर्द तथा मांसपेशियों की दर्द से राहत की दवाई देते रहे।
स्वाइन फ्लू से बचने के घरेलू उपचार
- रोगियों के नाक में कड़वा तेल की दो बूंदे डाले या प्रतिक्रिया कम से कम आप को दिन में तीन बार करनी है।
- तुलसी के पत्ते को चलाना काफी फायदेमंद होता है। इस रोग से बचाव के लिए आपको दो तीन तुलसी की पत्तियों को दिन में दो से 4 बार चबाते रहे।
- जड़ी बूटी औषधियों ,कड़े का जूस का बनाकर पीना भी स्वाइन फ्लू जैसे रोगों से बचने में मदद।
- कपूर इलाइची लोंग इन तीनों को एक कपड़े में बांध ले और थोड़ी थोड़ी देर में सूंघना रहे। यह बहुत ही फायदेमंद साबित होता है इससे संक्रामक रोगों से बचा जा सकता है।
अपनी पोस्ट द्वारा स्वाइन फ्लू से किस प्रकार बचा जा सकता है इसके घरेलू उपचार के साथ साथ कई प्रकार की जानकारियां दी है उम्मीद करते हैं आपको पसंद आएगी।
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