रस्सी कूदने के फायदे: Rassi Kudne Ke Fayde in Hindi

रस्सी कूदने के फायदे | Skipping Rope Benefits in Hindi | Rassi Kudne Ke Fayde in Hindi

दोस्तो आज हम रस्सी कूदने के फ़ायदे  के बारे में जानेंगे, यदि आपको नही पता है की रस्सी कूदने के फ़ायदे और उसकी जानकारी, तो हम आपको बता देते है.

रस्सी कूदने के फायदे Rassi Kudne Ke Fayde in Hindi

 जैसा कि आप सभी जानते है जिंदगी की भागम-भाग में हमारे शरीर को स्वस्थ रखना काफी ही मुश्किल हो गया है। एक्सरसाइज करने का हमारे पास टाइम ही नहीं होता जिसकी वजह से बहुत तरह की बीमारियां हमें आसानी से हो जाती हैं। अगर आप के पास समय की कमी है और आप एक्सरसाइज करने के बारे में सोच रहे हैं जो कम समय में अधिक फायदा देने वाली हो तो रस्सी कूद व्यायाम आप ही के लिए बना है। नियमित रूप से रस्सी कूदने के बहुत से फायदे हैं। आप अपने डेली शेड्यूल में से कुछ समय निकाल कर इस एक्सरसाइज को कर सकते है इस से अपको  आप बहुत सारे लाभ सकते हैं।

रस्सी कूदने का सही समय कौन सा है?

हम सभी जानते हैं कि किसी भी व्यायाम को करने का एक  समय होता है। वैसे तो रस्सी कूदना एक ऐसी एक्सरसाइज़  है। जिसे आप कही भी और कभी भी कर सकते हैं पर इसका ज्यादा लाभ लेने के लिए रस्सी को कूदने का सही समय सुबह सूर्योदय के वक्त होता हैं इसके अलावा आप शाम के समय भी रस्सी कूदने का अभ्यास कर सकते हैं। आप एक हफ्ते में कम से कम 4 दिन रस्सी कूदने की एक्सरसाइज जरूर करें। एक दिन में इस एक्सरसाइज को 20 से 30 मिनट तक कर सकते हैं।धीरे धीरे आप रस्सी  कूदने का समय बढ़ाए और जितना आप से हो सके उतना ही आपको कूदना चाहिए।

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Rassi Kudne Ke Fayde kya kya hain in Hindi

रस्सी कूदने से क्या फायदे हैं (Rassi Kudne Ke Fayde in Hindi)

  • रस्सी कूदने से ब्लड सर्कुलेशन  तेज होता है, जिस से  स्किन को  पूरा न्यूट्रीशन मिलता है और शरीर के विषैले तत्व पसीने से बाहर निकल जाते हैं इस एक्सरसाइज को करने से फेफड़े मजबूत होते है ओर चेहरे पर चमक आती है। स्किप्पिंग से स्टैमिना बढ़ता है और अनियत्रित हार्ट दर ठीक होती है।
  • हृदय को मजबूत बनाता है, हृदय अच्छे  तरीके से काम करना शुरू कर देता है। इससे हृदय समेत पूरे शरीर को ताज़ी ऑक्सीजन और रक्त मिलता है, जिससे शरीर रोगों से बचने में मदद मिलती है।
  • यह शारीरिक एक्सरसाइज के साथ साथ दिमाग के लिए भी एक बढ़िया एक्सरसाइज है। 
  •  तो रस्सी कूदने से आप अपनी हाईट को लंबा कर  सकते है, क्योंकि रस्सी कूदने से लम्बाई बढ़ती है, क्योंकि रीढ़ की हड्डी, पीठ, पैर की मसल्स स्ट्रेच होती हैं और कुछ नयी मसल्स भी बनती है। स्किप्पिंग से हड्डी का मास भी बढ़ता है। इन दोनों वजह से नियमित रस्सी कूदने से 3 से 6 महीने में हाइट बढ़ जाती है।
  • यदि आपको हर समय सुस्ती सी छाई रहती है तो तो आप रस्सी कूदने को अपना नियमित व्यायाम बना सकते हैं क्योंकि इससे शरीर में खून का प्रवाह बढ़ता है और आप चुस्त महसूस करते हैं।
  • शरीर से पसीना निकलता है, तो शरीर से हानिकारक तत्व भी बाहर निकल जाते हैं। इससे शरीर और चेहरा दमक उठता है साथ ही कंधे और भुजाएं भी मजबूत बनती हैं।
  • रस्सी कूदने का एक बड़ा फायदा यह भी कि यह हार्मोन को बैलेंस करता है जिससे टेंशन और डिप्रेशन से छुटकारा मिलती है।
  • मुक्केबाज़ों को आपने रस्सी कूदते ज़रुर देखा होगा।इसका कारण है कि स्किप्पिंग से शरीर की बैलेंसिंग में  इम्प्रूव होती है और पैरो के में फुर्ती और शरीर मे कंट्रोल बढ़ता है, जोकि मुक्केबाज़ी में बहुत काम देता है।
  • 10 मिनट तक रस्सी कूदना 8 मिनट तक दौड़ने के बराबर होता है। एक मिनट तक रस्सी कूदने से 10 से 16 कैलोरी ऊर्जा  लगती है। 
  • रस्सी कूदने की खास बात यह भी है कि इसे कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं। कहीं घूमने जाने के दौरान भी आप अपनी रस्सी, को अपने  साथ ले जा सकते हैं।
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रस्सी कूदते वक़्त ध्यान देने योग्य बातें 

वैसे तो रस्सी कूदना तो एक खेल के तरह ही है। लेकिन  फिर भी जैसा की हम सभी जानते है की  हर खेल के कुछ नियम होते है तो एक्सरसाइज करने के भी हम आपको कुछ जरूरी बातें बताने जा रहे है।

  • बिना आदत के ज्यादा देर तक रस्सी कूदने से हृदय, शरीर के जोड़ों और पैरों की माँसपेशियों को नुक्सान पहुँच सकता है। सिर्फ रस्सी कूदना ही नही किसी भी तरह का एक्सरसाइज के  शुरु  में ज्यादा समय  तक एक्सरसाइज नही करना चाहिये, क्योंकि शरीर को उसकी आदत नही होती है। धीरे धीरे अभ्यास से ही आपका स्टेमिना बढ़ता है।
  • रस्सी कूदने में बहुत ज्यादा ऊर्जा लगती है। रस्सी कूदना शुरु करने से पहले थोड़ा सा वॉर्मअप जरूर करें। वॉर्मअप के लिये थोड़ी स्ट्रेचिंग और एक ही जगह पर खड़े होकर जॉगिंग भी कर सकते हैं।
  • रस्सी कूदना  कोई भी शुरू  कर सकता है और इसके लिये किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नही होती है लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रखें की शुरूआत में ज्यादा समय तक रस्सी ना कूदें। केवल तब तक ही रस्सी कूदने का कोशिश करें जब तक आप नाक से साँस ले पा रहे हैं। रस्सी कूदते कूदते जब आप मुँह से साँस लेने लगें या आपके दाँत भिंचने लगें तब रस्सी कूदना बंद कर देना चाहिये। 
  • हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि कूदने की रस्सी ज्यादा लंबी न हो, अगर रस्सी ज्यादा लंबी हुई तो वो ज़मीन से टकरा कर उलझ सकती है और बहुत छोटी भी न हो क्योंकि फिर वो पैरों में फँस सकती है।
  • पहले दिन रस्सी कूदने के बाद हो सकता है कि आपके पैरो  में दर्द और जकड़न हो। इसका कारण यह भी है कि आपने बहुत समय से एक्सरसाइज नही की है जिस से आपके  मसल्स सुस्त हो जाते  हैं। थोड़ा थोड़ा करके रस्सी से ज्यादा  कूदने की कोशिश करें। अगर आप रोज़ कूदेंगे तो आपके पैरों का दर्द कम हो जाएगा।
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आज की पोस्ट के माध्यम से आपने जाना की रस्सी कूदने के फ़ायदे और आपको इस पोस्ट के द्वारा हमने रस्सी कूदने के फ़ायदे के बारे में भी बताया। आशा करते है की आपने इस पोस्ट के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की होगी।

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