कंप्यूटर का इतिहास और विकास I History of Computer In Hindi

दोस्तो आज हम कंप्यूटर का इतिहास और विकास के बारे में जानेंगे,  यदि आपको नही पता है कि कंप्यूटर का इतिहास और विकास तो हम आपको बता देते है…कंप्यूटर का विकास कब और किसने किया?

कंप्यूटर क्या है? I What Is Computer In Hindi

कंप्यूटर का इतिहास और विकास (History of Computer In Hindi)

कंप्यूटर क्या है? 

जैसा कि आप सब जानते हैं, कंप्यूटर का विकास 3000 साल पहले हो चुका था! और इसका इतिहास काफी पुराना है।

  • चीन में एक मैकेनिकल डिवाइस का अविष्कार हुआ, जिसे कैलकुलेशन मशीन एबाकस का नाम दिया गया।
  • इस मशीन को चीन के साथ-साथ कई एशियाई देशों ने भी अपनाया और यह मशीन केवल जमा और घटा के लिए इस्तेमाल की जाती थी।
  • अबाकस एक फ्रेम होता था जिसमें तारे डाली जाती थी और मिट्टी के गोलों का उसके अंदर इस्तेमाल किए जाता था। ज्यादातर इसको व्यापारी लोग इस्तेमाल करते थे।
  • इस मशीन का इस्तेमाल केवल जोड़ने घटाने और कैलकुलेशन के लिए किया जाता था।

ब्लेज पास्कल

  • 17 वीं शताब्दी से पहले अनेक यंत्रों का विकास किया गया, ऐसे ही ठीक फ्रांस के गणितज्ञ ने सन 1645 में मशीन का आविष्कार किया।
  • इस मशीन को उन्होंने मैकेनिकल डिजिटल कैलकुलेटर का नाम दिया गया। इस मशीन को एडिंग भी कहा जाता था।क्योंकि यह जोड़ व घटा ही कर सकती थी।
  • इस मशीन के अंदर चकरिया लगी हुई थी जो घड़ी व ऑडोमीटर की तरह काम करती थी।
  • प्रत्येक चकरी के ऊपर अंक लिखे होते थे जीरो से 0 से 9 तक और प्रत्येक चकरी घड़ी की तरह घूमती थी।
  • एक चकरी का चक्कर पूरा होने के बाद दूसरी चकरी घूमती थी और सभी चकरी को स्थानीय माना जाता था। साथ ही इस मशीन को पास्कलाइन के नाम से भी जाना जाता था।
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जैक्वार्ड लूम

  • 18 वीं शताब्दी की शुरुआत में फ्रांस के प्रसिद्ध बुनकर जिनका नाम जोशफ जैक्वार्ड था। उन्होनें कपड़े बुनने की मशीन का आविष्कार किया।
  • इस मशीन में एक खास बात यह थी कि जो इस में छेद किए थे उससे आसानी से कपड़ों पर डिजाइन किया जा सकता था।
  • इसमें कार्डबोर्ड की भूमिका अहम रही है जो पंचकार्ड के छिद्र पर नियंत्रण करता था।
  • पंच कार्ड पर बने चित्रों की कला धागों के द्वारा किए जाती थी।

   चार्ल्स बैबेज

  • 19वीं शताब्दी को कंप्यूटर के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण युग माना जाता है। क्योंकि इस शताब्दी में एक यांत्रिक गणना मशीन का विकास किया गया।
  • यह विकास एक अंग्रेजी गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने किया क्योंकि जो पहले मशीने बनाई गई थी उनमे तकनीकी दिक्कत आ रही थी, क्योंकि यह मशीने हस्त निर्मित थी।
  • चार्ल्स बैबेज ने 1855 में अपनी मशीन का निर्माण किया जिसका सारा पैसा ब्रिटिश सरकार द्वारा किया गया।
  • यह मशीन भाप से चलती थी , साथ ही इसमें गियर और साफ्ट लगे थे तभी इसका नाम डिफरेंस इंजिन रखा।
  • फिर कुछ समय बाद 1833 में चार्ल्स बैबेज ने इससे अच्छी मशीन तैयार की जिसको एनालिटिकल इंजन का नाम दिया गया।
  • चार्ल्स बैबेज का कंप्यूटर की खोज करने में एक महम योगदान रहा है इसलिए उन्हें कमप्यूटर विज्ञान का जनक कहा जाता हैं।

डॉ. हॉवर्ड आइकेन मार्क-1

  • 1940 में यांत्रिक कम्प्यूटिंग शिखर पर था,और आईबीएम के डॉ. हॉवर्ड आइकेन ठीक 1944 में विश्व का सबसे पहला कंप्यूटर बनाया।
  • इसका नाम उन्होंने आटोमेटिक सीक्वेंस कंट्रोल्ड कैलक्यूलेटर रखा।
  • 1944 को इससे हॉवर्ड विश्विद्यालय में भेजा और 7 अगस्त 1944 में उन्हें मिला।
  • विद्यालय में इसका नाम मार्क-1 रखा और यह मशीन दूसरी मशीनों की अपेक्षा काफी तेज भी काम करती थी। जैसे – 6 सेकंड में 1 गुणा व 12 सेकंड में 1।
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ए.बी.सी (एटानासोफ़ व क्लोफोर्ड बेरी )कंप्यूटर

  • 1945 में इलेक्ट्रॉनिक मशीन का विकास हुआ जो एटानासोफ़ व क्लोफोर्ड बेरी के द्वारा बनाई गई थी।
  • जिसको उन्होंने ए.बी.सी का नाम दिया और यह नाम उन्होंने अपने दोनो के नाम पर रखा था।
  • ए.बी.सी  पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर बनकर उभरा और विश्वभर में इस कंप्यूटर की खूब प्रशंसा हुई।

 

आज की पोस्ट के माध्यम से आपने जाना कि कंप्यूटर का इतिहास और विकास और आपको इस पोस्ट के द्वारा हमने आपको कंप्यूटर का इतिहास और विकास के बारे में भी बताया। आशा करते है की आपने इस पोस्ट के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की होगी।

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