Chacha Chaudhary Story in Hindi | चाचा चौधरी की कहानी
दोस्तों, आज हम आपको बताने जा रहे है Chacha Chaudhary की कहानी जो कि एक पहेली से भरी हुई इसे पढ़कर आप भी इसमे दी हुई पहेलीयों के बारे में सोचना आइये सुनाते है आपको कहानी।
एल दिन की बात है जब चाचा चौधरी राजू को एक पहेली सुना रहे थे ऊपर ढक्कन नीचे ढक्कन, मध्य मध्य खरबूजा, तासु नांहि दूजा और मौं छुरी से काटे आपहिं उन्होंने राजू को यह पहेली सुनाई राजू यह पहेली सुन कर वो तो चकरा ही गया था। क्योंकि उसने पहले कभी भी यह पहेली नही सुनी इसलिए उसने चाचा को यह कहा कि अभी तो मुझे इस पहेली के बारे में कुछ नही पता क्या आप मुझे थोड़ा सा समय देंगे तो मैं आपको इस पहली का मतलब समझ कर आपको बता सकूंगा |
Chacha Chaudhary ने राजू की बात मान कर उसको टाइम दे दिया। राजू वहाँ से निकल गया यह जान ने के लिए इस पहेली का मतलब क्या है और चलते चलते वो एक गाँव मे पहुँच गया एक तो दिन हो रहा था और बहुत गर्मी हो रही थी जिस वजह से राजू बहुत थक गया और उसको प्यास लगने लगी इसलिए वो एक घर मे घुस गया जहाँ पर एक लड़की खाना बना रही थी तभी राजू ने लड़की से पूछा की बेटी तुम क्या कर रही हो लड़की ने उन्हें सीधा जवाब देते हुए यह कहा कि आप देख नही सकते में की ‘मैं बेटी को पकाती और माँ को जला रही हूँ “।
फिर राजू ने पूछा चलो तुमने दो का हाल तो बता ही दिया है तेरे पापा क्या कर रहे है। लड़की ने जवाब दिया कि वो ‘मिट्टी में मिट्टी को मिला रहे” है। इस जवाब को सुनकर राजू ने फिर यह पूछा कि तेरी माँ क्या कर रही है लड़की ने राजू को यह जवाब दिया कि ‘एक को दो कर रही’ है|
जब मेरी बेटी ने आपको कहा कि ‘मैं बेटी को पका रही हूँ और माँ को जला रही हूँ’ इसका मतलब यह था कि वो अरहर की दाल को अरहर की सूखी लकड़ी से खाना पका रही है और जब मेरी बेटी ने आपको यह कहा कि ‘मैं मिट्टी को मिट्टी में मिला रहा हूँ’ उसका मतलब यह था कि मैं अपनी बिरादरी के मुर्दे को जला के आ रहा हूँ और जब आपको मेरी बेटी ने यह कहाँ की उसकी माँ ‘एक को दो कर रही है’इसका मतलब यह था कि मेरी पत्नी पड़ोस में मसूर की दाल दल रही है।
यह सब सुन कर राजू हैरान और खुश हो जाता है कि लड़की की पहेली भर बातों से। तो राजू ने सोचा कि जो पहेली मेरे चाचा ने दी में उसका मतलब पूछता हूँ तभी राजू ने लड़की के पापा से पहेली के बारे में पूछा तो लड़की के पिता ने राजू को पहेली का मतलब बताया पहली पहेली ‘ऊपर ढक्कन नीचे ढक्कन’ का मतलब है कि धरती और आकाश दो ढक्कन है और दुसरी पहेली ‘मध्य मध्य खरबूजा’ और इसका मतलब यह है कि अंदर निवास करने वाला मनुष्य खरबूजा है और तीसरे पहेली तासो नांहि दूजा मौं छुरी से काटे आपहिं का मतलब यह है कि उसी प्रकार मृत्यु आने पर मर जाता है।
लड़की के पिता ने राजू को विस्तार से बताया राजू उनकी बुद्धिमानी को देख कर बहुत खुश हुआ और उनको इनाम दिया। राजू उस गाँव से आकर सीधा पाटिल आया और Chacha Chaudhary को कहा कहा कि आपकी पहेली का मतलब यह कि धरती और आकाश दो ढक्कन है और उसमें रहने वाला मनुष्य खरबूजा है उसी प्रकार मृत्यु आने पर मनुष्य मर जाता है जैसे कि गर्मी मोम को पिघला देती है। यह सब सुन कर चाचा चौधरी खुश हुए और राजू को इनाम दिया।
आज की पोस्ट के माध्य्म से आपने यह जाना कि चाचा चौधरी की पहेलीयों से राजू को सोच में डाल दिया था और कैसे राजू ने अपनी पहेलियों को सुलझाया, आशा करते है कि आपने इस पोस्ट को पड़ने में काफी आनंद लिया होगा और सिख भी प्राप्त की होगी।
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