मुकेश अम्बानी जीवन परिचय | Mukesh ambani Biography in hindi

मुकेश अम्बानी जीवन परिचय | Mukesh ambani Biography in hindi
mukesh ambani

मुकेश अम्बानी प्रारंभिक जीवन और उनकी शिक्षा Early Life and Education

अगर देश की महान हस्तियों का नाम गिना जाये तो मुकेश अम्बानी का नाम सबसे ऊपर चमकता है| देश ही क्यों बल्कि दुनिया की महान हस्तियों का नाम लिया जाये तब भी मुकेश अम्बानी पीछे नहीं है| ऐसा कोई भी समय नहीं रहा होगा जब ये चर्चा में न रहे हों और आखिर हो भी क्यों न अम्बानी भारत के सबसे अमीर तथा विश्व में ३८वें अमीर मने जाते है| इन्होने अपनी यह जगह बनाकर रखी हुई है| मुकेश धीरूभाई  अम्बानी का जन्म १९ अप्रैल १९५७ को ईडन, यमन में हुआ था| हलाकि उनका पालन पोषण मुंबई, भारत में रहा है|

मुकेश, धीरूभाई  अम्बानी की संतान है इनके तीन भाई बहन है अनिल अम्बानी, दीप्ती स्लगोनोकार और नीना कोथारी| अम्बानी के शुरू के जीवन का समय अभी के जैसा बिलकुल भी नहीं था| अम्बानि ने अपने जीवन कहीं उत्तर चढ़ाव देखें है| वह हर तरह क्र रहन सहन में भी रहें है| अम्बानी की भारत आने की वजह उनके पिता का नया व्यापर शुरू करना था पहले उनके पिता ने यहां आकर मसलों के व्यापर में काफी रूचि दिखाई परन्तु उसके बाद वे कपडा उद्योग की और अपने व्यपार को ले गए|

उनकी कपडा मिल का नाम विमलथा जिसका नाम बाद में बदल कर केवल विमलहो गया| शुरवाती समय में जब वे यहां आये तो धीरूभाई  ने भुलेश्वर, मुंबई में एक २ कमरे वाला घर लिया| १९७० तक वे लोग उसी घर में रहे| शुरवाती समय में अम्बानी परिवार के लिए यहां रहना बहुत ही कठिन सा रहा है| इन सब कठिनाईओं के कुछ समय बाद धीरूभाई ने एक १४ मंजिला मकान से विंड कोलाबा में लिया जिसमे अनिल तथा मुकेश अम्बानी कुछ समय पहले तक अभी भी रहते थे|

व्यापर की दौड़ भाग के चलते हुए धीरूभाई अपने बच्चों पर कुछ खासा ध्यान कभी दे ही नहीं पाए| जिस कारण वश धीरूभाई की तीनो संतान अपना ज्यादातर समय महेन्द्रभाई के पास ही निकलते थे मेहन्द्रभाई अम्बानी परिवार के देख भाल करने वाले थे| मुकेश अम्बानी का बचपन मेहन्द्रभाई की देख रेख में ही गुज़रा है| मुकेश को खेल कूद में भी काफी रूचि रही है चाहे वह क्रिकेट हो या कुछ और वह अपने बचपन में सब खेला करते थे|

उन्होंने अपने बचपन में मुंबई में हर जगह का भरमन किया है| ये सब चीज़े इन्होने मेहन्द्रभाई की देख रेख में की थी| धीरूभाई को मुकेश की शिक्षा नतीजों में कुछ ख़ासा रूचि नहीं थी परन्तु वे मुकेश अम्बानी के आल राउंड परिदर्शन में ज्यादा रूचि रखते थे, वे हमेशा से यही चाहते थे की मुकेश अम्बानी का विकास हर दिशा में बराबर से हो जिसकी जिम्मेवारी उन्होंने महेन्द्रभाई पर छोड़ रखी थी|

मुकेश अम्बानी की शिक्षा (Education) –

इन्होने अपनी स्कूली शिक्षा हिल गरंगे हाई स्कूल, मुंबई से की है| मुकेश तथा अनिल अम्बानी की दोस्ती वहां आनद जैन से हुई जोकी अभी उनके व्यापारी दोस्त है| स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने अपनी बी इ की डिग्री केमिकल इंजीनियरिंग में यु डी सी टी, माटुंगा से पूरी की| उसके उपरांत मुकेश ने म बी ए के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लियो परन्तु अपने पिता को रिलायंस को खड़ा करने में उनके साथ देने के चलते हुए उन्होंने अपना नाम वहां से कटा दिया|

धीरूभाई का मानना तथा की किताबी शिक्षा  से बढ़कर साक्क्षात परिस्तिति में पढ़कर जो शिक्षा मिलती है वह ज्यादा महत्वपूर्ण होती है इसके चलते वश उन्होंने मुकेश को भारत वापिस बुला लिया और उन्हें अपनी कम्पनी के वस्त्र विभाग की दूर सँभालने को दे दी| विलियम तथा मन मोहन शर्मा जैसे प्रोफेस्सरों का प्रभाव मुकेश अम्बानी पर बहुत पड़ा, मुकेश के मानना था की ये वैसे लोग थे जो आपको कुछ हटकर सोचने पर मजबूर कर देते है जोकि आपके दिम्माग को हर दिशा में विकसित कर देता है|

यह भी पढ़ें   Mahatma Gandhi in Hindi | महात्मा गांधी की जीवन कथा

मुकेश अंबानी करियर (Career)

मुकेश अम्बानी का व्यापर करियर यक़ीनन प्रशंसा करने योग्य है| वर्ष १९८० में इंदिरा गाँधी की सर्कार के दौरान पि फ वय विनिर्माण की उपलब्धि निजी क्षेत्र तक कर दी गयी| धीरूभाई ने भी उसके पाने के लिए अपनी कोशिश की| हलाकि इतनी साडी मजबूत विरोधी कंपनियों जैसे टाटा, बिरला तथा ४३ कंपनियों के होने के बावजूद भी ये अनुबंध अम्बानी को मिला जो की इनके व्यावसायिक करियर में एक बहुत बड़ा पड़ाव माना गया है| अम्बानी को जो लाइसेंस मिला वो लाइसेंस राज के नाम से जाना गया|
इन्ही सब के दौरान धीरूबाई को लगा की मुकेश अम्बानी को व्यावसायिक शिक्षा देने का वक़्त आगया है और उन्होंने काम की भाग दौड़ मुकेश के हाथ में थामनी शुरू करदी| उन्होंने कहीं काम मुकेश के ही जिम्मे छोड़ दिए ताकि वो सिख सके और उनका दिमाग व्यावसायिक विद्या की और ज्यादा रूचि लेने लगे हालाँकि उन्होंने मुकेश को कभी अकेला नहीं छोड़ा| कंपनी से जुड़ने के बाद रसिकभाई मेसवानी जोकि उस समय वहां के कार्यकारी निर्देशक थे उन्हें मुकेश अम्बानी की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बोलै गया ताकि वो किसी भी प्रकार की मुश्किल में न फस सकें|

धीरूभाई अंबानी की मृत्यु के बाद अब रिलायंस:

रसिकभाई तथा धीरूभाई की अचानक मृत्यु के बाद कंपनी का सारा भार मुकेश तथा अनिल अम्बानी पर आगया| जब तक रसिकभाई तथा धीरूभाई थे तब तक मुकेश अपना सारा उन्ही दोनों के निचे करते थे पर इन दोनों के जाने के बाद एक दम से सारा भार दोनों भाइयों के कंधे पर आ पड़ा| मुकेश अम्बानी इन दोनों के जाने के बाद रिलायंस इंफोकॉम लिमिटेड की शुरुवात की जिसकी चर्चा आज पुरे देश भर में है, बल्कि देश ही नहीं पूरी दुनिया भर में है|

२४ वर्ष की उम्र में मुकेश को पटलंगा पेट्रोकेमिकल प्लांट को बनाने की जिम्मेवारी सौंप दी गयी| धीरूभाई ने कभी भी मुकेश को अलग महसूस नहीं होने दिया उन्होंने हमेशा मुकेश को हमेशा अपने दोस्त के भांति रखा तथा एक सिखाया भी| उन्होंने मुकेश को हमेशा अपनी जिंदगी अपनी तरीको तथा असूलों पे जीने दी| हालाँकि धीरूभाई की मृत्यु के बाद मुकेश तथा अनिल अम्बानी के रिश्तों में तनाव का माहौल बन गया था क्युकी धीरूभाई ने ऐसी कोई भी वसीहत तैयार नहीं की थी जिससे ये पता चले की कितना हिस्सा तथा जिम्मेवारी किसके जिम्मे में आयी है| इस सब के चलते हुए कोकिलाबेन को फैसला लेना पड़ा जिसके चलते कंपनी दो हिस्सों में बँट गयी और मुकेश के हिस्से में रिलायंस तथा इंडियन पेट्रोलियम की भाग दौड़ आन पड़ी|

यह भी पढ़ें   Biography of Urvashi Rautela in Hindi | उर्वशी रौतेला की जीवनी

मुकेश अंबानी की सफलता:

अम्बानी दुनिया की सबसे विशाल पेट्रोल के प्लांट के निर्माण तथा विकास में लग गए| इस पेट्रोलियम लाइन की शुरुवात जामनगर, भारत से हुई| एक छोटे से जगह से हुई शुरुवात आज किस मुकाम पर है ये हम सभी जानते है| २०१३ में अम्बानी ने भर्ती एयरटेल के साथ काम करने का प्रस्ताव रखा जोकि ४ जी पर काम करना छह रहे थे| और उसी के चलते २०१४ में मुकेश अम्बानी ने ये घोषणा कर दी की वे २०१५ में वे देश भर में ४ जी  की नियुक्ति करवा कर ही मानेगे और ऐसा हुआ भी|

ये देश के विकास में बहुत बड़ा स्तम्भ माना गया| २०१६ में मुकेश अम्बानी ने खुद की ४ जी मुहीम जिओ के स्मार्टफोन लाइफ के रूप में प्रस्तुत की| वर्ष २०१६ में यह फ़ोन देश के सबसे ज्यादा बिकने वाले फ़ोन में से तीसरे नंबर  पर था| मुकेश अम्बानी ने जिओ के चलते कहीं सारी योजनाए निकली जोकि जिओ की प्रसिद्धि को एक नया मोड़ हर बार देती चली गयी| देखते ही देखते जिओ पुरे देश भर में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हो गया| अम्बानी ने हर घर में जिओ की उपलब्धि सुनिश्चित करदी|

२०१४ में मुकेश अम्बानी पर एक फ आई आर दर्ज की गयी जोकि केजरीवाल उस समय की दिल्ली की सी म द्वारी की गयी थी| उनका मानना था की जिस तरीके से अम्बानी पेट्रोल का व्यापर कर रहे है उसके चलते देश को काफी घटा हो रहा है जोकि देश के विकास में बढ़ा कर रहा है| इस पर उन्होंने मोदी जी को भी इस विषय के बारे में जांच करने के लिए आग्रह किया था|

मुकेश अम्बानी मो कहीं सारी जगह की बोर्ड की सदस्यता मिली हुई है जैसे की इंस्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नोलॉजी, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, इंडो पेट्रोकेमिकल्स, रिलायंस पेट्रोलियम, रिलायंस रेते;, रिलायंस एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन, बैंक ऑफ़ अमेरिका, पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी| इन सभी जगहों पर मुकेश अम्बानी अलग अलग पद पर नियुक्त है|

मुकेश अंबानी को प्राप्त पुरस्कार:

इन सभी के साथ साथ मुकेश अम्बानी को कहि सारा पुरस्कार भी मिले हुए है जोकि उनकी सफलताओं में वचार चाँद लगा देते है जैसे की एर्न्स्ट यंग इंटरप्रेन्योर ऑफ़ थे ईयर, ग्लोबल विज़न अवार्ड्स अवार्ड डिनर, बुसिनेस्स लीडर ऑफ़ थे ईयर, बुसिनेस्स मैन ऑफ़ थे ईयर, स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंस डीनस मैडल, ५ वं क्रमांक परफार्मिंग ग्लोबल सीईओ, ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड, होनोरी ऑफ़ डॉक्ट्रेट, मिलेनियम बुसिनेस्स लीडर अवार्ड, नेशनल अकादमी ऑफ़ इंजीनरिंग, ओथमर गोल्ड मैडल| इतनी लम्बी संख्या में हर वर्ष और पुरुस्कार जुड़ते ही चले जाते है|
मुकेश अंबानी का वैयक्तिक जीवन:

मुकेश अम्बानी का परिवार में उनकी बीवी तथा तीन बचे हैं| मुकेश अम्बानी का विवाह नीता अम्बानी से १९८४ में बहुत धूम धाम से हुआ था| अम्बानी की दो बेटों का नाम अनंत तथा आकाश अम्बानी है और उनकी बेटी का नाम ईशा है जिसकी हल फ़िलहाल में एक बड़े पैमाने पर शादी की गयी है| माना जाता है की ईशा अम्बानी की शादी सबसे खर्चीली शादियों में से एक है|

यह भी पढ़ें   कार्तिक त्यागी बायोग्राफी इन हिंदी I Kartik Tyagi Biography In Hindi
मुकेश अंबानी house name  एंटीलिया (भवन)

मुकेश अम्बानी का घर २७ मंजिला महल है जिसका नाम अंतिला है| अंतिला की कीमत एक अरब है जोकि अब तक का सबसे बड़ा तथा महंगा घर माना जाता है| अंतिला में वो सब कुछ मजूद जोकि एक आम इंसान सिर्फ अपने सपनो में  ही सोच सकता है| मुकेश अम्बानी को सबसे अमीर खेल टीम का मालिक माना जाता है| उन्होंने २००८ में आईपीएल में मुंबई की टीम सबसे महंगे में खरीदी है|

मुकेश अंबानी की पसंदीदा चीजें :
एक इंटरव्यू के दौरान ये पता चला की अम्बानी को अपनी परिवार के साथ समय बिताना सबसे ज्यादा पसंद है| उनका कहना है की जब भी उन्हें थोड़ा भी खाली वक़्त मिलता है तो वह अपने परिवार के साथ बिताना चाहते है| वे नहीं चाहते की उनके परिवार को कभी भी ऐसा लगे की काम काज दौड़ भाग में वे अपने परिवार को भूल गए हैं| वे नहीं चाहते की जिस प्रकार धीरूभाई अपने काम में व्यस्त होने के कारन मुकेश पर ध्यान नहीं दे पाते थे ऐसा वह अपने बच्चों के साथ भी करें|

मुकेश अंबानी की संपत्ति:

मुकेश अम्बानी की कीमत यू एस डॉलर ५० अरब है| देश के सबसे अमर शख्स जाने जाने वाले ये इंसान अपने आप को भूमि से जोड़ कर ही रखते है देश के विकास में इनका योगदान हमेशा ही तीव्र नोक पर रहा है| इन्हो ने अभी तक कभी भी ऐसा नहीं होने दिया की देश को इनकी जरुरत हो और ये पीछे हट जाएँ| इनकी व्यापारिक बुद्धि की जितनी प्रशंसा की जाये उतनी ही कम है|

मुकेश अम्बानी का ये भी कहना है की वह अपनी शुरवाती जिंदगी को हमेशा अपने साथ रख कर चलना चाहते है ताकि वे ये हमेशा याद रख सके की वह कहां से शुरू हुए हैं और उन्हें कहां तक और जाना है| एक सफल इंसान की सब्सि बड़ी पहचान होती है की चाहे वो कितना ही सफल हो जाये वो अपने असूलों को नहीं भूलता तथा हमेशा आगे बढ़ता रहता है चाहे कितनी ही उतर चढ़ाव क्यों न आएं वह बिलकुल नहीं रुकता और यही सब चीज़े एक इंसान को सफल बनाती है और ये सभी चीज़े हमे मुकेश अम्बानी में देखने को मिल सकती है|

मुकेश भारत के पहले सफल  इंसान हैं जिनके बारें में फोर्बेस में निबंध छापा है| यह अपने आप में किसी भी ऊंचाइयों को चुने से कम नहीं है| अम्बानी ने अपने साथ साथ अपने पुरे परिवार का जीवन भी अपने क्षमताओं का सही उपयोग करते हुए संजो कर रखा है| अम्बानी अभी  तथा आने वाली पीडियों के लिए एक मिसाल हैं|

जुड़े रहे hindi.todaysera.com के साथ !

error: Content is protected !!