प्रधानाचार्य को छात्रवृति के लिए आवेदन पत्र | Pradhanacharya ko Chatravriti Pradan Karne Hetu Patra

छात्रवृति के लिये प्रधानाचार्य को पत्र

20-05-2019
सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल,
सेक्टर – 46सी
चंडीगड़

आदरणीय महोदय,

आप से सविनय निवेदन है की मैं 9 वी कक्षा का छात्र हु। महोदय आपने कल स्कूल सभा में भाषण देते हुए कहा था कि मैं तुम सभ विद्यार्तियो का बड़ा भाई जैसा हु। अगर तुम्हें कोई भी परेशानी हो तो बिना डरे मेरे से संपर्क करो। तुम्हारी समस्या गोपनीय तथा जल्द से जल्द हल की जायेगी। मोहदय में भी आप से एक ऐसी ही समस्या बताना चाहता हु जिसने मेरे को काफी परेशान किया हैं।

मैं एक निम्न स्तर के परिवार से संबंध रखता हूँ। मेरे पिता जी पिछले हफ्ते ही अपने नौकरी से सेवा निवृत्त हुए है, वह भारतीय रेल में क्लर्क के स्थान पे ड्यूटी करते थे। उनके सेवा निर्वित होते ही घर में मानो आफत आ गयी हो, मेरे छोटे भाई को हाल ही में वायरल बुखार हो गया है, वह तीन दिनों से हस्पताल में एडमिट है। घर की आधी जमा पूंजी उसके इलाज के लिये ख़र्च हो चुकी है। मेरे घर में आर्तिक संकट का पाहार टूट पड़ा है। मेरी माँ की सेहत भी ख़राब रहती है।

अभी तक घर का किराया भी जमा नही हुआ है, मकान मालिक हर दिन पिता जी को कड़ी-कोटि सुनाता है। मेरे पिता जी की पेंशन ₹2000 रूपए तय हुई है। जो मकान का किराया, कपड़े, दवाई में ही खत्म हो जाते है। और शिक्षा के लिये पैसे नही बच्च पाते। हम बपल धारक है, हमें गवर्नमेंट की तरफ से सस्ता दाल, चावल आदि मिलता है परंतु कई दिनों से वह सरकारी दुकान खुली ही नही जिसके कारण हमें बहार सॉ खाने का प्रबंद करना पढ़ रहा है।

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सरकारी दुकान में जो चिह्ज ₹5 की मिल जाती थी वह बहार ₹30 रूपए की मिल रही है। विडम्बना देखिए दो दिन पहले मेरे पिता जी का भी एक्सीडेंट हो गया जब वह हॉस्पिटल में मेरे भाई से मिलने के बाद घर लौट रहे थे, उनको भी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया हैं। मेरे घर में पैसों की आर्तिक तंगी से मेरी बड़ी बहन ने अपनी शिक्षा भिंच साल में ही छोडनी पड़ी।

ऐसे में अब मेरे लिये भी शिक्षा जारी रख पाना बेहद मुश्किल हो गया है। मेरे पास किताबें, कलम ख़रीदने तक के पैसे नहीं बचे। मेरी माँ को अपने शादी के कंगन तक बेच दिये है, मेरे पिता की हालत अभी स्तिर है परंतु दवाइयों का खर्चा बहुत ही ज्यादा है। हमारा कोई रिश्तेदार भी नही है जो हमारे इस विपदा में मदद कर सके। मेरी दादा और दादी की मृत्यु तीन साल पहले हो चुकी है, मेरे नाना और नानी के भी घर की हालत कुछ सही नही, वह भी गरीब है।

इन सब को मध्यनजर रखते हुए ताकि मेरे परिवार को कुछ हद तक आर्तिक मदद मिल सके मैंने 8 वि कक्षा से नीचे के छात्र एवम छात्राओं को शिक्षित करना शुरः किया है। जिससे हमें पहले से काफी मदद मिली हैं। पर हालात अभी भी बिगरी हुई है। हमने काफी जागों से उदार लिया है जो अभी तक नही चुकाया गया है। उन लेनदारों को शांत रखने के लिये में उनके बच्चों को भी पढ़ाता हूँ। मेरे को पढ़ाई का बहुत शौक है, तथा में आपके विद्यालय में शिक्षा को जारी रखना चाहता हु।

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मैं ना ही केवल अच्छा विद्यार्ति किन्तु खेल-कूद में भी उतीर्ण होता हूं। मैं आपके विद्यालय के जूनियर फ्टबॉल टीम का कप्तान भी हु। मेरी कप्तानी में हमारी टीम ने तीन मैच एक साथ जीते है। मुझसे सारे अद्यापक, सहपाठी खुश है। में सभ की मदद एवं हर मुश्किल के वक़्त साथ देता हूँ। मुझे मेरे क्लास का मॉनिटर भी नियुक्त किया गया है। मैंने काफी सारे प्रतियोगिता में इस स्कूल को प्रतिनिधित् किया है।

मैंने काफी सारे मेडल्स, पुरस्कार ,ट्रॉफीज इस स्कूल को दिये है। में नंसीसी का भी सदस्य हु। मेरेको हालही में हुए 26 जनवरी की दिल्ली परेड में शामिल किया गया था जिससे हमारे स्कूल का नाम काफी ऊँचा हुआ है। मैंने 8वि कक्षा में उर्तीण किया था। जिसको मद्यनाज़र रखते हुए, मेरेको हाई स्कूल का वाईस कप्तान बनाया गया हैं। मैंने हालही में गणित तथा विज्ञानं के ओलीमपिड्स में स्कूल का नाम रोशन किया है मेरा पूरे शहर में इस प्रतियोगिता में पहला स्थान आया है।

महोदय आप अभी तक जान ही गए होंगे की मेरे को पढाई से कितना प्रेम है परंतु घर की परिस्थिति ही कुछ ऐसी बन चुकी है, जो मेरे को पढ़ने सॉ फिलाल रोक रही हैं। मेरा लक्ष्य बड़ा होकर आईएएस करना तथा देश की सेवा करना हैं। आज कल की दुनिया में जहा इतना कम्पटीशन में आईएएस की परीक्षा उतीर्ण करना कोई छोटी बात नही जो की मेरा सपना है आईएएस में उतीर्ण करना जिसके लिये मुझे शिक्षित होना होगा।

जो आपका विद्यालय कर रहा है, पर समस्या यह हैं कि मेरे पास स्कूल की फीस देने के लिये पैसे नहीं है, हमारे घर की हालत खराब होने के कारण में आपको स्कूल फीस देने में असमर्थ हूँ। पर मैं पढ़ना चाहता हूँ इसलिये आपसे स्वनिया निवेदन है कि आप मेरे को छात्रवर्ती दे। आपके इस कर्म से मुझे काफी सहायता मिलेगी, तथा में अपनी शिक्षा जारी रख पहूंगा। और मैं आपको वादा करता हु की मैं आपके इस स्कूल का नाम हर जगह रोशन करूँगा।

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मैं आपके जैसे प्रधानाचार्य जी का प्रशंसा करना चाहूंगा जो की स्कूल के छात्रों को उनके सपनो को उड़न देते है। हम सभ विद्यार्ति काफी खुश किस्मत है, की आपके जैसा प्रधानाचार्य हमें मिला। काफी कम प्रधानाचार्य होते हैं जो छात्रों की परेशानियों को सुनते तथा हल करते है। मैं इसके लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ।
मैं आपके इस छात्रवर्ती प्रधान करने हेतु आपका धन्यवाद करना चाहता हूँ।
धन्यवाद करते हुए,

आपका आज्ञाकारी छात्र
राज
9बी
रोल नो. 324
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