Hatim tai ki Kahani |Hatim Tai Story in Hindi | हातिम ताई की कहानी हिंदी मे | Hatim tai Kahani- हातिम की Kahani
दोस्तों, आज हम आपको बताने जा रहे है Hatim Tai की कहानी जो कि बहुत ही समझदार था आइए हम आपको सुनाते है कहानी जिसे सुनकर आपको बहुत ही अच्छा लगेगा।
Hatim Tai एक ऐसे व्यक्ति थे जो कि बहुत सच्चे थे किसी का कभी बुरा नहीं सोचते वह सिर्फ अपने अल्लाह पर विश्वास करते थे जिस मे शहजादी हुस्नबानो ने हातिम ताई के आगे यह शर्त रखी थी कि जो उनके 7 सवालों का सही जवाब देगा मैं उसको स्वीकार कर लूँगी।
हातिम ताई से पूछें जाने वाले सवाल यह थे कि
- ऐसी वो कौन सी चीज है जिसे एक बार देखा है, दूसरी दफा देखने की आरजू है!
- कौन कहता है कीi, नेकी कर और दरिया में डाल
- बदी किसी से न कर – कर बुरा होगा बुरा।
- सच कहने वाले को खुशी हासिल होती है।
- कोहनिदा की खबर ला दे।
- वह मोती जो मुर्गे के अंडे के बराबर है।
- हम्माम बाग गर्द की खबर लाकर दे।
Hatim Tai से यह सवाल पूछें गए थे जिसका जवाब हातिम ताई ने आराम से दे दिया अब आगे का यह किस्सा होता है कि हातिम ताई कुछ दिनों तक बस चलता ही रहता है और एक जंगल मे पहुंच जाता हैi।जैसे ही वो थोड़ी आगे चलता है तभी उसे किसी के रोने की आवाज सुनाई देती है। हातिम उस आवाज की तरफ जाता है जहाँ से रोने की आवाज आ रही होती है।जैसे ही वो आवाज के पास जाता है और देखता है कि एक जवान सिपाही बहुत ज्यादा रो रहा होता है। हातिम ने उसे कहा कि – ‘तुम कौन हो और अपने बारे में मुझे सब बताओ
तभी वह आदमी यह जवाब देता है की “मैं एक सिपाही हूं। मैं काम की तलाश में अपने शहर से निकला था। और मैं यहाँ रास्ता भूल गया हूँ और इस शहर में आ पहुँचा हूँ मैंने यहाँ के लोगों से पूछा है कि इस बस्ती के हाकिम का नाम क्या है? फिर किसी ने मुझे बताया कि इस शहर का मालिक मसखरा जादूगर है। इसलिए मैं डर गया और वहाँ से जंगल की तरफ भागने के लिए निकल गया, मैं वहाँ से भाग तो गया लेकिन मुझे यह नहीं पता था की मुसीबत मेरा पीछा नहीं छोड़ेगी।
जैसे ही में भाग कर आने लगा तो मैंने एक बाग देखा जो कि बहुत सुदंर और दिलचस्प था। मैं बाग के अंदर चला गया घूमने में बस बाग में चल ही रहा था तभी वहाँ 6 सुंदर लड़कियां आई सब ने एकदम चमकीले कपड़े पहन रखे थे। जैसे ही उन लड़कियो ने मुझे देखा तो वो मुझे मसखरा जादूगर की बेटी को बताकर मुझे उनके घर लेकर चले गए।
जैसे ही में घर में घूसा जादूगर की बेटी ने मुझे अपने आप कहा कि पास बैठो । इतने में ही उसका बाप मसखरा जादूगर आ गया। उसने आकर सबसे पहले मेरे घोड़े को देख कर पूछा कि यह किसका घोड़ा है किसी ने भी डर के मारे जादूगर के कोई सवाल का जवाब नहीं दिया। इतने में ही वहाँ दाई आई और उन्होंने जादूगर को कहा कि ऐ खुदाबंद करीम, शहजादी अब जवान हो चुकी है। यह मुसाफिर बहुत ही अक्लमंद है और किसी बड़े आदमी का बेटा भी लगता है।
सब के लिए अच्छा यही होगा कि आप इसके आप इसके साथ अपनी बेटी की शादी कर दीजिए तभी जादूगर ने अपनी बेटी की तरफ देखा और कहा तुम कुछ कहना चाहती हो तो कहो तुम्हारी मर्ज़ी से ही हम बात को आगे बढ़ाएंगे और लड़की अपने पिता को जवाब देती है कि मैं इनसे शादी करने के लिए तैयार हूँ।
अपनी बेटी का जवाब सुन कर जादूगर ने बोला – मेरी बेटी तुमसे शादी करने के लिए तैयार है। लेकिन मगर मेरी एक शर्त है अगर यह मेरे तीन काम पूरा करेगा तभी मैं इसकी शादी अपनी बेटी से होगी i मैंने पूछा की वो तीन चीजें क्या हैं ? जादूगर ने कहा – पहली ‘जलपरी का एक जोड़ा, दूसरी लाल सांप की मणि लाकर दो और tisri खौलते घी के कड़ाह में कूदकर सही सलामत निकल कर आओ।’ मैं i जादूगर के यह तीन कामों को सुनकर बहुत घबरा गया और तब से इस भाग बियावान जंगल में आ गया “।
Hatim Tai ने कहा – ‘ऐ जवान ! मैं अल्लाह की राह पर चलकर तुझको उस लड़की से जरूर मिल वाऊंगा यह कह कर ‘हातिम फिर से चलने लग गया जैसे ही हातिम थोड़ी दूर आता ही है और वो देखता है कि एक किले में लोग बहुत सी लकड़ियों को जमा करके उन्हें जला रहे हैं तो हातिम ने पूछा की आप लोग यह क्या कर रहे हो तभी उन्होंने हातिम को बताया कि जंगल मे एक जानवर है जो कि बहुत ही खतरनाक है और रोज दो-तीन आदमी को खा जाता है।
हातिम यह सुन कर वही उन लोगो के साथ रुक गया उसने पहली बार उस जानवर को देखा उस जानवर के आठ पैर और सात सिर थे और वो हाथी जैसा दिखता है। उसकी तीन आंखें हैं। यह देखकर हातिम ने सोचा कि अगर हम इसकी तीन आँखों मे से किसी भी एक आंख को फोड़ देते है तो यह भाग जाएगा ओर उसी अगली रात ही हातिम ने एक तीर चलाकर उसकी बीच वाली आंख को फोड़ दिया। और जैसे ही उस जानवर के लगी वो तड़पता हुआ वहाँ भाग गया।
फिर एक दिन Hatim Tai ने देखा कि एक सांप नेवले में लड़ाई हो रही है। लेकिन वो दोनों जिन्न थे। उनमें से एक की बेटी से दूसरा आदमी शादी करना चाहता था, पर वह नहीं कर रहा था। हातिम ने उन दोनों को समझाकर शांत किया। जिस की बेटी के लिए वो दो जिन्न लड़ रहे थे उसका बाप एक बादशाह था। उन्होंने हातिम को दोनों जिन्न को शांत करने की खुशी में से खुश होकर हातिम को सुर्ख सांप की मणि दी।
अब हातिम का जलपरी को ढूंढ़ने निकला।तो जैसे ही वो थोड़ी आगे चलता है तभी उसे एक नदी दिखाई देती है उस नदी को देख कर हातिम उस नदी के कोने में जा पहुंचा। और रात को वो वहीं सो गया। तभी उसकी अचानक से आँख खुली और वो जग गया । तभी उसने सुना दो जलपरियां (एक मादा और एक पुरुष) आपस में बात कर रहे होते कि आज की रात हातिम नाम का एक आदमी आया हुआ है।वो हम से मिलना चाहता है। इसके बाद वे दोनों जलपरी हातिम के पास आए। उन्होंने हातिम की दरियादिली की तारीफ की। फिर जलपरी ने बच्चों का एक जोड़ा हातिम को दे दिया। हातिम वापिस आकर उस जवान को जलपरी का जोड़ा और मणि देदी
लेकिन अभी भी तीसरी शर्त बची थी जिस को पूरा करना था। ‘तभी मसखरे जादूगर ने अपने लोगों को बुलाया और कहा कि जाओ और एक लोहे के कड़ाह में घी भर कर भट्टी पर रखो और उसे तेज आंच पर गर्म करके खौलावो। यह सुनकर जवान डर गया और तभी हातिम से कहने लगा कि मैं इस कड़ाह के गर्म घी कमें गया तो मैं तड़प तड़प कर मर जाऊंगा।
तब हातिम ने उस जवान के कंधे पर हाथ रखा और कहा की तुम इस ताबीज को अपने मुंह में रख लो और बिना डरे इस खौलते हुए घी में कूद जाओ जवान ने हातिम पर यकीन कर के उसकी बात सुनी और जैसा हातिम ने कहा जवान ने वो ही किया। तो जैसे ही जवान उस गर्म खोलते हुए घी वाले कड़ाह में कूदा तो उसे ठंडे पानी जैसा महसूस होने लगा। मसखरे जादूगर ने जब देखा कि जवान उस खौलते घी में नहीं जला तो बहुत खुश हुआ, और अपने शर्त और अपने रस्म के मुताबिक अपनी बेटी की शादी उसके साथ कर दि। मसखरा जादूगर ने जवान से बोला कि यह सारा शहर और मेरी सारी धन-दौलत मैं तुझे अपनी बेटी के साथ देता हूं। इसके बाद हातिम अगली यात्रा पर चल पड़े।
आज की पोस्ट के माध्य्म से आपने यह जाना कि Hatim Tai कैसा व्यक्ति था, और वह अपनी जुबान का कितना पक्का था। इस पोस्ट के दौरान हमने आपको यह भी बताया कि आपको कभी भी निराशा नहीं होनी चाहिए और किसी भी मुश्किल समय से भागना नहीं चाहिए,आशा करते है कि आपने इस पोस्ट को पड़ने में काफी आनंद लिया होगा और सिख भी प्राप्त की होगी।
ऐसे ही और हिंदी कहानी के लिए Hindi Todaysera की website को subscribe करना होगा।