कॉर्नफ्लोर क्या है? और मक्के के आटे और कॉर्नफ्लोर में अंतर I What is Cornflour and Benefits, Uses, Difference in Hindi

दोस्तो आज हम कॉर्नफ्लोर क्या है? और मक्के के आटे और अंतर (What is Cornflour and Benefits, Uses, Difference in Hindi) के बारे में जानेंगे। यदि आपको नही पता है तो यहाँ आपको पूरी जानकारी मिलेगी।

कॉर्नफ्लोर क्या है? और मक्के के आटे और कॉर्नफ्लोर में अंतर (What is Cornflour and Benefits, Uses, Difference in Hindi)

कॉर्नफ्लोर यह सफेद रंग का पाउडर जैसा होता है, जिसका इस्तेमाल रसोई घरों में होता है। कॉर्न फ्लोर को कॉर्न स्टार्च, मक्के का स्टार्च के नाम से भी जाना जाता है, परंतु यह कॉर्नफ्लोर के नाम से अधिक मशहूर है। रसोई घरों में कॉर्नफ्लोर का इस्तेमाल फिलर तथा बाइंडर के रूप में किया जाता है, साथ ही तरल पदार्थों को गाढ़ा बनाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। कॉर्नफ्लोर की बनावट एकदम चिकनी और स्मूथ होती है। यह गेहूं के आटे यानी मैदे की तरह ही दिखता है।

कॉर्नफ्लोर क्या है और मक्के के आटे और कॉर्नफ्लोर में अंतर

कॉर्नफ्लोर का इस्तेमाल कैसे और कब किया जाता है,यह तो आप भली-भांति जानते होंगे। तो यह भी जान लें कि कॉर्नफ्लोर में अनेक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं। तो आइए अब बात करते हैं पोषक तत्वों की कॉर्नफ्लोर एनर्जी, प्रोटीन,कार्बोहाइड्रेट, फैट, फाइबर, विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन 3, फोलेट, विटामिन बी9, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, फॉस्फोरस, पोटैशियम आदि तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं ,जो हमारे शरीर के लिए लाभकारी होते हैं।

      क्र. म.पोषक तत्वपोषक तत्वों की मात्रा
1प्रोटीन1.1 ग्राम
2फैट0.5 ग्राम
3विटामिन बी 1 (थियामाइन)0.17 mg
4विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन)0.09 mg
5विटामिन बी 3 (नियासिन)1.17 mg
6आयरन0.86 mg
7फाइबर1.2 ग्राम
8फॉस्फोरस26.7 mg
9जिंक0.22 mg
10एनर्जी44 कैलोरीज
11फोलेट विटामिन बी 927.9 एमसीजी
12कार्बोहाइड्रेट9.1 ग्राम
13कैल्शियम16.9 mg
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कॉर्नफ्लोर और मक्की के आटे में अंतर –

दोस्तों अब हम बात करने जा रहे हैं मक्की के आटे और कॉर्नफ्लोर के बीच के अंतर के बारे में। अधिकतर लोग मक्की के आटे को ही कॉर्नफ्लोर समझ लेते हैं परंतु दोनों में काफी अंतर है। मक्की का आटा जो कॉर्नमील फ्लोर है और कॉर्नफ्लोर मक्की का स्टार्च होता है। कॉर्नफ्लोर को बनाने के लिए मक्के के दाने के छिलके का उपयोग किया जाता है। छिलके पीसकर कॉर्नफ्लोर का पाउडर बनाया जाता है।

मक्की का आटा जो कॉर्नमील फ्लोर होता है वह मक्की के दानों से बनता है। दानों को सुखाकर पीसने से मक्की का आटा तैयार होता है। इसका रंग सफेद या पीला होता है। यह तैयार होने पर दरदरा या फिर बारिक होता है। कॉर्न फ्लोर और मक्की का आटा दोनों मक्कई से ही बनता है, परंतु दोनों को मक्कई के अलग अलग भागों से बना के तैयार किया जाता है।

कॉर्नफ्लोर का इस्तेमाल –

कॉर्नफ्लोर का उपयोग आमतौर पर रसोई घरों में किया जाता है। यह अपने गुणों से भरपूर होने के कारण हमे कई रोगों से निजात भी दिलाता है। कॉर्नफ्लोर का प्रयोग ज्यादातर तालिभुनि चीजों में किया जाता है, जैसे÷ फ्रेंच फ्राई, टिक्की, कटलेट, ब्रेड पकोड़ा आदि को क्रिस्पी बनाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग फिलर एवं बाइन्ड करने के लिए तथा कोफ्ते, मंचूरियन, ग्रेवी को गाढ़ा करने, गुलाब जामुन, बांबे कराची हलवा, केक, कुकीज, पुडिंग, पाई, सॉस, स्ट्यू एवं सूप को गाढ़ा करने के लिए किया जाता है। अगर आपको कॉर्न फ्लोर नही मिलता तो आप उसकी जगह पर अरारोट का उपयोग भी कर सकते हैं।

चिकित्सा में कॉर्नफ्लोर का प्रयोग ग्लाइकोजन स्टोरेज डिजीज वाले व्यक्ति के ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए भी किया जाता है। कॉर्नफ्लोर में ग्लेकोस सप्लाई को सक्षम रखने के गुण पाए जाते हैं। आप 6 से 12 महीने की उम्र से इसका उपयोग शुरू कर सकते हैं। जिस व्यक्ति को ग्लूटन से एलर्जी होती है वह कॉर्न फ्लोर का उपयोग करें, क्योंकि इसमें ग्लूटन नहीं होता।

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कॉर्नफ्लोर प्राप्त करने का मार्ग –

कॉर्नफ्लोर की प्राप्ति किसी भी किराना स्टोर या फिर बड़े ग्रोसरी स्टोर से हो सकती है। इसके अलावा आप इसे ऑनलाइन भी आर्डर करके मंगा सकते हैं। कॉर्नफ्लोर खरीदते समय यह ध्यान रखें कि कॉर्न फ्लोर नकली तो नहीं है? इसीलिए ब्रांडेड कॉर्न फ्लोर ही खरीदें।

कॉर्नफ्लोर रखने का तरीका –

कॉर्न फ्लोर को सूखे स्थान पर रखा जाता है साथ ही इसे एयरटाइट कंटेनर में रखें। ऐसा करने से कॉर्न फ्लोर नमी से बचा रहेगा। कंटेनर में रखते समय ध्यान दें कि कंटेनर साफ और सूखा हो। कॉर्नफ्लोर का उपयोग करते वक़्त साफ-सफाई का पूरा खयाल रखें।

कॉर्नफ्लोर के लाभ –

कॉर्नफ्लोर के इस्तेमाल से हमें अनेक प्रकार के लाभ हो सकते हैं जैसे÷ कॉर्न फ्लोर में अघुलनशील फाइबर,ऐमिलोस, सेल्यूलोस एवं लिग्निन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर की पाचन क्रिया को आसान बनाने में मदद करते हैं। इसका प्रयोग करके आप शरीर की सूजन को कम कर सकते हैं, क्योंकि इसमें पॉलीफेनोल्स एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो सूजन को कम करने में सहायता करता है।

कॉर्नफ्लोर में प्रोटीन और फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यह वयस्क व्यक्ति के शरीर के लिए आवश्यक होता है। यदि कोई व्यक्ति गेहूं और उससे बने उत्पाद जैसे÷ मैदा, सूजी स्टॉक करके नहीं रख पाते हैं तो वह कॉर्न फ्लोर का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि इसमें ग्लूटेन नहीं पाया जाता। कॉर्नफ्लोर से एनीमिया रोक सकते हैं तथा ऊर्जा भी बढ़ाई जा सकती है। इसके प्रयोग से कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है और कैंसर की आशंका कम करने, अल्जाइमर रोग, दिल के लिए, हड्डी एवं मांसपेशियों के लिए, मधुमेह नियंत्रित करने, त्वचा आदि रोगों में आराम पाया जा सकता है।

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कॉर्नफ्लोर के नुकसान –

बाजार में मिल रहे कॉर्नफ्लोर जेनेटिकली रूप से संशोधित होते हैं, साथ ही इस पर कीटनाशक का छिड़काव भी होता है, जो व्यक्ति के शरीर के लिए नुकसानदायक साबित होता है। यह बात भी सामने आई है कि इसमें सभी फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप भी ज्यादा होता है, जो कई बीमारियों से जुड़े होते हैं जैसे- हाई कोलेस्ट्रोल, डायबिटीज। कॉर्न फ्लोर के अधिक उपयोग से शरीर में एलडीएल बढ़ सकता है। यह एक खराब कोलेस्ट्रॉल होता है, और शरीर में ऑक्सीडाइज़्ड होकर एथोरोस्कलेसोसिस का कारण बन जाता है, साथ ही इसकी अधिक मात्रा लेने से हृदय की समस्या उत्पन्न होने का खतरा भी हो सकता है। कॉर्न फ्लोर में ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो डायबिटीज के मरीज के ब्लड ग्लूकोज के स्तर को बढ़ाता है, बाद में यह फैट का रूप ले लेता है।

दोस्तों आपको कॉर्न फ्लोर क्या है? और कॉर्न फ्लोर एवं मक्के के आटे में क्या अंतर है? इसकी जानकारी हमारे इस हेल्थ टिप्स आर्टिकल द्वारा मिल गयी होगी, अगर आपके मन में अभी की कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट कर के पूछ सकते हैं। धन्यवाद।

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