दोस्तों आज की इस पोस्ट में जानिए की ई-कॉमर्स क्या हैं और इसका इतिहास क्या हैं ? (E-Commerce Kya Hai In Hindi)। यहाँ आपको पूरी जानकारी मिलेगी।
ई-कॉमर्स क्या हैं और इसका इतिहास क्या हैं। (E-Commerce Kya Hai In Hindi)
आजकल जिंदगी कितनी सुगम हो गई हैं, हम घर बैठे-बैठे आज दुनिया के किसी कोने से भी कुछ भी मंगवा सकते हैं, भले ही कपड़े हो, मोबाइल हो, कंप्यूटर हो, यहां तक कि आप घर पर ही बिना कही जाए खाना भी मंगवा सकते हैं। ये सभी चीज़े ई-कॉमर्स के अंतर्गत आती हैं।
क्या होता हैं ई-कॉमर्स? (ई-कॉमर्स से क्या अभिप्राय है?) | eCommerce Kya Hai In Hindi
ई-कॉमर्स एक ऐसी प्रक्रिया हैं जिसमें इंटरनेट के द्वारा चीज़ो को ऑनलाइन खरीदा और बेचा जाता हैं, इसके अलावा ग्राहकों को सेवा प्रदान करना भी ई-कॉमर्स के अंतर्गत आता हैं। शुरुआत में तो केवल कंप्यूटर के द्वारा ही ये कार्य संभव था लेकिन तकनीक में बदलाव के साथ अब स्मार्टफोन में भी ये संभव हो पाया हैं। इस समय ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग को ही प्राथमिकता देते हैं।
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अगर आसान शब्दों में समझने की कोशिश की जाए तो ई कॉमर्स के जरिए आप कई तरह की सेवा अपने घर पर ही प्राप्त कर सकते हैं और आपको ऐसी किसी भी चीज के लिए किसी भी जगह जाने की आवश्यकता नहीं होती।
क्या आपको क्या पता है कि कॉमर्स कितने प्रकार ( Models of eCommerce)का होता है ई-कॉमर्स 4 तरीकों से किया जाता है: (Types of E-commerce)
- बिज़नेस to बिज़नेस (B2B)
- कंस्यूमर to बिज़नेस (C2B)
- गवर्नमेंट to बिज़नेस (G2B)
- बिज़नेस to गवर्नमेंट (B2G)
- कंस्यूमर to गवर्नमेंट (C2G)
- बिज़नेस to कंस्यूमर (B2C)
- कंस्यूमर to कंस्यूमर (C2C)
ई-कॉमर्स मुख्य चार श्रेणियों में बांटा गया है:
- बिज़नेस to कंस्यूमर (B2C) (Business to Consumer Model) :
बिजनेस टू कस्टमर एक ऐसा इ कॉमर्स मॉडल है जिसमें लेनदेन भेजना कस्टमर के बीच में होता है अगर आप मान लीजिए अपने घर में कोई भी सामान बनाते हैं जैसे अगर आपने अपने लिए कोई भी कपड़ा (क्लॉथ) लगाया है तो वह (B2C)बिजनेस मॉडल के अंदर आएगा|
यहां सामान सीधे उपभोक्ताओं को बेचा जाता है जहां आपकी भिन्न-भिन्न चीजें (products, pictures, और reviews ) देख सकते हैं और उसे आर्डर भी कर सकते है|
उदाहरण Paytmmall, Amazon, Flipkart, आदि हैं।
- बिज़नेस to बिज़नेस (B2B) Business to Business
b2b एक बिज़नेस बेस्ड (based )मॉडल है जिसमे कंपनियां एक-दूसरे के साथ कारोबार (डील) करती हैं| इसमें कस्टमर का कोई भी रोल नहीं होता है| इस बिजनेस मॉडल के अंतर्गत थोक व्यापारी , उत्पादक,और खुदरा व्यापारी शामिल होते है.
- कंस्यूमर to कंस्यूमर (C2C) Consumer to Consumer
C2C बिज़नेस को हम OLX, Quikr,ebay example से समझा जा सकता है जहाँ जहां कस्टमर खुद एक दूसरे के संपर्क में आते हैं और खुद ही एक दूसरे से रेट तय करके अपना सामान अपने से बेचते हैं| इसमें कंपनी का कोई रोल नहीं होता
- कंस्यूमर to बिज़नेस (C2B) Consumer to Business
(C2B) बिज़नेस B2c बिज़नेस का ठीक उल्टा होता है| इस तरीके के बिजनेस मॉडल में उपभोक्ता कंपनी के साथ बिजनेस करता है और अपनी सेवाएं प्रदान करता है इस तरीके के बिजनेस को हम अमेजॉन, गूगल, ऐडसेंस जैसे प्लेटफार्म से समझ सकते हैं |
ईकॉमर्स उदाहरण ( E-commerce Examples)
- ऑनलाइन शॉपिंग
- इंटेरेट बैंकिंग
- ऑनलाइन टिकटिंग
- ऑनलाइन ऑक्शन्स
क्या-क्या आता हैं ई-कॉमर्स में?
केवल कुछ खरीदना या बेचना ही ई-कॉमर्स में नहीं आता बल्कि जो भी चीजें ऑनलाइन की जाती हैं वे सभी ई-कॉमर्स में आती हैं जैसे शॉपिंग, कुछ बेचना, इंटरनेट मार्केटिंग, इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर इत्यादि भी आती हैं। उदाहरण के तौर पर अमेज़न या फ्लिपकार्ट से कुछ खरीदना, olx पर पुराना समान बेचना, बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर करना। आइए अब जानतें हैं कि ई कॉमर्स किन-किन चीजों में काम आता हैं।
- सुरक्षित तरीके से व्यापार का आदान-प्रदान
- ऑनलाइन बाजार में कुछ खरीदना या बेचना
- व्यापार हेतु बाजार में व्यापार सामग्री को बेचना
- इंटरनेट के द्वारा समाचार पत्र या किताबें बेचना या खरीदना
- ऑनलाइन बाजार की जानकारी एकत्रित करना
- ऑनलाइन ट्यूशन प्रदान करना
- किसी से तकनीकी सहायता लेना या प्रदान करना
- ऑनलाइन पैसों का ट्रांसफर
- फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से उत्पाद का प्रचार और प्रसार
- इंटरनेट पर दिखाई देने वाले विज्ञापन
ई-कॉमर्स का इतिहास ( History of eCommerce)
ई-कॉमर्स का इतिहास वैसे तो ज्यादा पुराना नहीं हैं लेकिन फिर भी आज के समय में ये एक महत्वपूर्ण चीज बन चुकी हैं। बताया जाता हैं कि मुख्य रूप से ई-कॉमर्स की शुरुआत 1991 में हुई थी जब कमर्शियल इंटरनेट की शुरुआत हुई थी। उस समय तक व्यापार पुराने पारंपरिक ढाँचे के अनुरूप ही हुआ करता था, उसके बाद हजारों की संख्या में व्यापारियों ने खुद को इंटरनेट पर लाकर एक नए तरीके से व्यापार की शुरूआत की।
लेकिन अभी भी इंटरनेट इतना ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुआ था इसलिए ई कॉमर्स की रफ्तार धीमा थी परंतु 1994 में इंटरनेट लोकप्रिय होना शुरू हुआ और उसके बाद ई-कॉमर्स ने धीरे-धीरे गति पकड़ी क्योंकि लोगों को तेज और सुरक्षित ट्रांसेक्शन प्रदान करने के लिए 4 साल लग गए। वर्ष 2000 में ई-कॉमर्स में काफी ज्यादा उछाल देखा गया और फिर ये बिज़नेसमैन में काफी ज्यादा लोकप्रिय हो चुका था।
ई-कॉमर्स के जरिए व्यापार करने वाली पहली कंपनी अमेज़न बनी जिसने वर्ष 1994 में इंटरनेट के द्वारा अपने उत्पाद बेचने शुरू किए, एक समय ये अमेरिका की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बन चुकी थी लेकिन फिर ऐसा समय आया कि अमेज़न बर्बाद होने की कगार पर आ गई थी लेकिन 2003 में कंपनी ने दुबारा अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया।
ई-कॉमर्स भारत में ( eCommerce in India)
विश्व में तो ई-कॉमर्स की शुरुआत 1991 में हो गई थी लेकिन उस समय भारत में इंटरनेट ना होने के कारण भारत मे ई-कॉमर्स की शुरुआत देर से हुई। इंटरनेट का भारत में आगमन 1995 में हुआ और उसके बाद ही देश मे ई-कॉमर्स की शुरुआत हुई, 1996 के आसपास भारत मे किसी ई कॉमर्स कंपनी की शुरुआत हुईं पर असल रूप में आईआरटीसी (IRTC) ने ऑनलाइन आरक्षण की शुरुआत करके भारत मे ई-कॉमर्स के बाजार को हवा दी।
उसके बाद आईआईटी (IIT) दिल्ली से पास हुए दो छात्रों ने बैंगलोर के एक अपार्टमेंट से ऑनलाइन किताबें बेचने का निर्णय लिया, उनका ये विचार अमेरिका में पहले से ही चल रहे अमेज़न की तरह ही था। उन दोनों दोस्तों की वो पहल भारत मे कामयाब रही और आज जिसे हम फ्लिपकार्ट कहते है ये उन दोनों की ही कंपनी थी। पर अभी भी भारत मे इंटरनेट हर किसी के पास नहीं था पर मुकेश अंबानी के द्वारा जिओ (JIO) की शुरुआत से भारत इंटरनेट क्रांति आ गई और उसके बाद फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, अमेज़न जैसे ई-कॉमर्स कंपनी की भारत में तूती बोलने लगी।
ई-कॉमर्स को सही तरीके से कैसे लिखा जाता है?
ई-कॉमर्स कुछ लोग निम्न निम्न प्रकार से लिखते हैं लेकिन लिखने का सही तरीका आज हम आपको बताएंगे क्या होता है
- E-commerce
- e commerce
- ई-कॉमर्स
- ई-कॉमर्स
- E-commerce
- E-commerce
- e-commerce
ई-कॉमर्स लिखने के ऊपर बतलाये गए वैसे सभी तरीके सामान्य है और सारे ही सही लेकिन हमारी तरफ से सबसे सही तरीका E-commerce है|
ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म्स – E-commerce Platforms
क्या आपको पता है कि ई-कॉमर्स के द्वारा सामान कैसे बेचा जाता है? जी हां हम आपको यह बता देते हैं ई कॉमर्स के द्वारा इंटरनेट के सिक्के माध्यम से हम वस्तुओं को बेचते हैं|
चलिए अब हम आपको बता देतेहैं कि ई-कॉमर्स का बिज़नेस का किन किन माध्यम से किया जाता है ई-कॉमर्स का बिज़नेस को दो तरीकों के माध्यम से कर सकते हैं|
Online Storefronts
Online Marketplaces
Online Storefronts:
क्या आपने कभी सोचा है एक ऑनलाईन स्टोर कैसे बनता है?
Online Storefronts का मतलब है अपना खुद का स्टोर बनाकर उस पर कॉमर्स का बिजनेस करना, अपना खुद के स्टोर पर सामान की बिक्री करना| यह विभिन्न तकनिकी ( टेक्नोलॉजी) के द्वारा बनाये जाते हैं|
- Magento
- Shopify
- WooCommerce
- Drupal Commerce
- BigCommerce
Online Marketplaces:
ऑनलाइन मार्केटप्लेस एक तरीके से ऑनलाइन बाजार का काम करते हैं जहां हम जाते हैं अपनी इच्छानुसार वस्तुएं ढूंढ़ते हैं और आपकी इच्छा अनुसार वस्तुएं खरीदते हैं एक तरीके से हम कह सकते हैं कि यह एक विचौलिया (mediater) का काम करता है|
कुछ लोकप्रिय मार्केटप्लैस के नाम निम्नलिखित हैं:
Amazon
Paytmmall
eBay
Alibaba
Indiamart
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