रैम (RAM in Computer) क्या है? I What is RAM in Hindi I रैम कितने प्रकार की होती है?

दोस्तो आज हम रैम क्या है जानेंगे, यदि आपको नही पता है की रैमऔर मेमोरी क्या है (What is RAM and Memory in Hindi) और इसके प्रकार (Types) तो हम आपको पूरी जानकारी से अवगत करा देते हैं.

रैम और मेमोरी क्या है (What is RAM and Memory in Hindi) और इसके प्रकार (Types)

कंप्यूटर की मेमोरी के बारे में संपूर्ण जानकारी

What is RAM in Hindi रैम क्या है Random Access Memory

आज के आधुनिक जीवन शैली में कंप्यूटर का महत्व बढ़ता ही जा रहा है, जहां बिना कंप्यूटर के रहना आसान नहीं। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस हर जगह कंप्यूटर का ही बोलबाला है। कंप्यूटर सीखने की शुरुआत बचपन से ही हो जाती है आज के समय में कंप्यूटर के बारे में हर जानकारी जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है। साथ ही साथ कंप्यूटर के हर भाग के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है। आज हम जानेंगे कंप्यूटर के सबसे महत्वपूर्ण भाग RAM के बारे में।

रैम क्या है? (What is RAM)

RAM in HIndi

रैम का पूरा नाम रेंडम एक्सेस मेमोरी है। जिस प्रकार हमारी मेमोरी हमारे ब्रेन में सुरक्षित रहती है फिर चाहे हमारी पुरानी कोई भी बात हो, हमें हमारा ब्रेन ही याद दिलाता है, वैसे ही रैम भी कंप्यूटर की ही मेमोरी है।यह मेमोरी  अस्थिर होती है। मुख्यतः RAM मेमोरी का मुख्य टाइप है, जो कि मदर बोर्ड में स्थित रहता है। RAM की मेमोरी टेंपरेरी है ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि जब भी कंप्यूटर बंद हो जाए या  अपनी सारी मेमोरी खो दे, तो यह एक नए सिरे से कार्य करना प्रारंभ करता है।

रैम का कार्य (RAM function)

जैसे हमारा ब्रेन पूरी तरह से मेमोरी पर आधारित होकर कार्य करता है, उसी प्रकार से रैम अपने इंटरनल मेमोरी पर आधारित होकर कार्य करते हैं। बंद हुए मोबाइल को जब आप खोलते हैं, तो प्रोग्राम भी RAM को आधार मानकर आगे बढ़ता है।

रैम के प्रकार (Types of RAM)

RAM दो प्रकार के होते हैं

  1. DRAM
  2. SPRAM

अब हम RAM के प्रकार के बारे में भली प्रकार से समझ सकते हैं

  1. DRAM:-  ऐसा कंपोनेंट होता है, जो एक सर्किट बोर्ड के अंदर में रहता है। इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट में यह हमेशा दो ही बिट 0 और 1 के फॉर्म में होते हैं। इन्हीं दोनों बीच के आधार पर ही यह कार्य करते रहते हैं। यह गति में धीमे में होते हैं।
  2. SPRAM:-  इसमें भी दो ही कैरेक्टर होते हैं 0  और 1। इसकी गति ज्यादा होती है लेकिन इसकी मेमोरी अस्थाई होती है। अगर इसकी साइज की बात किया जाए तो इसका साइज भी बहुत ज्यादा होता है।

रैम का फुल फॉर्म (Full form of RAM in COmputer)

रैंडम एक्सेस मेमोरी  (Random Access Memory)

मोबाइल में रैम का उपयोग (RAM usage in mobile)

रैम मोबाइल में भी कार्य करता है। मोबाइल में मेमोरी के लिए RAM  हार्ड डिस्क में सेव रहता है, जब भी हमारा मन मोबाइल में किसी प्रोग्राम, गेम, एप्लीकेशन को चलाने का होता है,  उस एप्लीकेशन के मेमोरी में अपने अंदर एक्सेस कर चलने वाले प्रोग्राम को रन करने का आदेश देता है। जब भी मोबाइल में किसी एप्लीकेशन को डाला जाता है, तो पहले RAM में लोड कर डाउनलोड और इंस्टॉल किया जाता है। फोन के बंद होने पर RAM कार्य नहीं करता है। जब अगली बार किसी इसी एप्लिकेशन का उपयोग किया किया जाएगा तो RAM तेजी से कार्य करने को तैयार रहता है, जो मोबाइल के लिए फायदेमंद साबित होता है।

एक Android फोन में ज्यादा  RAM की जरूरत होती ही नहीं है। यह सोचने वाली बात है कि फोन को 10GB की आवश्यकता आखिर क्यों होगी? मोबाइल में लोग ज्यादा RAM  को लेकर खुश होते हैं पर यह इतने काम के होते ही नहीं हैं क्योंकि इनका उपयोग इतना ज्यादा किया नहीं जाता है।

रैम का कंप्यूटर में महत्व (Importance of RAM in computer)

जैसे हम किसी भी काम को बिना एनर्जी के नहीं कर सकते हैं, उसी प्रकार कंप्यूटर को भी शुरू होने के लिए एनर्जी चाहिए और वह एनर्जी RAM से कंप्यूटर को मिलती है। बिना RAM के कंप्यूटर चलना मुश्किल काम होता है। RAM इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कंप्यूटर के हर एप्लीकेशन चाहे वह गेम, मूवी या कुछ भी हो सबके लिए सबसे पहले RAM को ही लोड करना होता है। RAM से होते हुए सारा डाटा सीपीयू तक पहुंचता है, तब कहीं जाकर हम कंप्यूटर का उपयोग कर पाते हैं। RAM की वजह से सीपीयू कार्य कर पाता है क्योंकि दोनों का कनेक्शन होता है तभी RAM से होती हुई मेमोरी सीपीयू तक पहुंचती है।

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RAM बहुत साइज की मिल जाती है जिसमें 1GB, 2GB, 4GB, 8GB, 16GB, 32GB होती है। अगर ज्यादा RAM के साथ मोबाइल, कंप्यूटर ऑन किया जाए तो फिर कंप्यूटर स्लो हो जाता है। बहुत ज्यादा RAM हो जाने की स्थिति में भी कंप्यूटर यह मोबाइल की स्पीड धीरे धीरे खत्म होने लगती है।

रैम की विशेषता (Features of RAM)

  1. या अन्य किसी भी मेमोरी की तुलना में महंगी होती है।
  2. यह बहुत ज्यादा फास्ट है, जिसका इस्तेमाल मोबाइल में भी किया जाता है।
  3. अन्य मेमोरी के मुकाबले इसकी साइज कम होती है।
  4. RAM एक अस्थाई मेमोरी है अर्थात बिजली का प्रवाह बंद होने पर डाटा इसमें से गायब हो जाता है।

ज्यादा रैम के फायदे (Benefits of RAM)

कंप्यूटर में सीपीयू का महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि वह RAM के माध्यम से ही सारी एनर्जी को स्टोर करके रखता है। हमेशा आप देखेंगे कि सीपीयू एक कारपेंटर है, तो ऐसे में एक डुएल कोर सीपीयू में दो कारपेंटर एक साथ हैं। वही क्वॉड कोर सीपीयू में 4 कार्पेंटर्स हो जाते हैं। ज्यादा RAM के होने से ज्यादा गति के साथ भी कार्य क्रिया किया जाएगा। वैसे ही RAM और ज्यादा कार्य कर सकता है। वहीं अगर RAM ज्यादा होगा तो सीपीयू की स्पीड ऑटोमेटिक ही बढ़ जाएगी और एनर्जी किसी भी फंक्शन के लिए बढ जाती है।

कंप्यूटर में मेमोरी बहुत ही जरूरी है क्योंकि बिना मेमोरी के कोई भी कार्य कर ही नहीं सकते। जितने भी  कमांड हम कंप्यूटर को देते हैं, वह सारे कार्य करना मुश्किल हो जाएंगे। हमें मेमोरी के बारे में भी सही तरीके से समझ लेना चाहिए। हम मनुष्यों में भी मेमोरी बहुत ही महत्वपूर्ण है बिना मेमोरी के हम भी कुछ नहीं कर सकते हैं।

मेमोरी क्या है? (What is Memory)

सामान्य भाषा में मेमोरी को कंप्यूटर की याददाश्त भी कहा जाता है। यह मेमोरी सीपीयू में संरक्षित रहती है और मिलने वाले निर्देशों के अनुसार ही कार्य करती है। मेमोरी का सीपीयू के अभिन्न अंग है। हमारे द्वारा किसी भी निर्देश सूचना और परिणामों को संग्रहण करके रखना मेमोरी का ही काम होता है। कंप्यूटर में कई प्रकार की मेमोरी होती है जिसके जरिए यह हमारा कार्य कर पाती हैं। जब हमारा लंबे समय तक सुरक्षित रखना है, तो ऐसे में कंप्यूटर की मेमोरी हमारे बहुत काम आएगी। मेमोरी कम या ज्यादा हो सकती है परंतु इसका उपयोग किया जाना हमारे हाथ में ही होता है।

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बिट अथवा बाइट (Bit or Byte)

कंप्यूटर में स्टोर किया गया डाटा 0 अथवा 1 के रूप में ही परिवर्तित होता है इन्हें छोटे रूप में बीट कहा जाता है। बीट के अपने ही पैमाने होते हैं जिसके बलबूते ही कार्य किया जाता है।

  • 8 bits = 1 bytes
  • 1024 bytes = 1 kilobyte(1KB)
  • 1024 KB = 1 megabyte (1MB)
  • 1024 MB = 1gigabyte(1GB)
  • 1024 GB = 1 terabyte (1TB)

इसी प्रकार से यहां आंकड़ा बढ़ता ही जाता है और इसी के आधार पर कंप्यूटर काम भी करता है।

मेमोरी के प्रकार (Type of memory)

मेमोरी  3 प्रकार की होती है जो अपने स्तर पर कार्य करती है और सही तरीके से कार्य का संचालन भी करती है

  1.  प्राइमरी मेमोरी
  2.  सेकेंडरी मेमोरी
  3.  कैचे मेमोरी
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1) प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)

यह मेमोरी अस्थाई रूप से कार्य करती है और यदि आवश्यकता पड़े तो तत्काल उपलब्ध भी हो जाती है। यह मेमोरी कंप्यूटर का मुख्य भाग है और अधिकतर कार्य इसी माध्यम से ही होता है। इसे अस्थाई मेमोरी इसलिए कहा जाता है क्योंकि जैसे ही कंप्यूटर बंद रहता है वैसे ही इसमें लिखा हुआ डाटा खत्म हो जाता है। ऐसे में से सुरक्षित रखना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। इसे प्राथमिक मेमोरी भी कहा जाता है। प्राइमरी मेमोरी दो प्रकार की होती है

  1. रैम (RAM)
  2. रोम (ROM)

1. रैम( what is RAM in Hindi):- इसे ” रेंडम एक्सेस मेमोरी” भी कहा जाता है। यह अस्थाई मेमोरी के रूप में अपना कार्य करते रहते हैं। हमेशा इनपुट किया गया भाग सबसे पहले RAM में संग्रहित होता है चाहे वह कीबोर्ड हो या कुछ और। उसके बाद सीपीयू अपने आवश्यकतानुसार वहां से मेमोरी ले सकता है। इसे अस्थाई रूप से चलने वाली मेमोरी कहा गया है। इसकी क्षमता कई प्रकार की होती है जिसमें 1GB, 2GB, 4GB, 8GB हो सकती है। अपने कार्य के आधार पर मेमोरी को उपयोग कर लिया जाता है।

   रैम के प्रकार (Types of RAM)

  • डायनामिक रैम (Dynamic RAM)
  • सिंक्रोनस रैम (Synchronous RAM)
  • स्थैतिक रैम (Static RAM)

   अब हम इन 3 रैम  के बारे में समझ लेते हैं

  1. डायनामिक रैम:- इसे संक्षिप्त रूप से DRAM भी कहा जाता है। यह सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। इसे उपयोग करने के बाद रिफ्रेश करना ही सही माना जाता है इसकी स्पीड कम होती है इसकी वजह से बार बार रिफ्रेश करना पड़ता है। रिफ्रेश होने के कारण कभी-कभी यह उस विषय को मिटा देते हैं जिसका उपयोग किया गया है परंतु साधारण रूप से इसी का उपयोग किया जाता है।
  2. सिंक्रोनस रैम (SDRAM):- इस में DRAM की अपेक्षा ज्यादा गति होती है। यह घड़ी की गति के जैसे रिफ्रेश होती है। जिस वजह से हमेशा इसकी स्पीड ज्यादा हो जाती है लेकिन इसका उपयोग हर समय करना आसान नहीं होता है।
  3. स्थैतिक रैम (StaticRrandom-access Memory):- बाकी RAM के अपेक्षा यह कम रिफ्रेश होती है। डाटा को ज्यादा समय तक सुरक्षित भी रख सकती है लेकिन यह महंगी होती है।कम रिफ्रेश होने के कारण इसकी गति भी ज्यादा हो जाती है।

2. रोम (What is ROM in Hindi):-  इसका पूरा नाम “रीड ओनली मेमोरी” है। इसे स्थाई मेमोरी कहा जाता है जिसमें कंप्यूटर के प्रोग्राम स्टोर होते हैं। इसमें उपस्थित प्रोग्राम को हम कभी नष्ट या बदल नहीं सकते इन्हें केवल पढ़ा ही जा सकता है। यदि काम करते हुए बिजली चली जाए या डाटा नष्ट हो जाए तो इसके डाटा खत्म नहीं होते बल्कि सुरक्षित ही रहते हैं। इन्हें पढ़े जाने की वजह से इन्हें रीड ओनली मेमोरी कहा जाता है।

   रोम तीन प्रकार के होते हैं

  • PROM
  • EPROM
  • EEPROM

  अब हम इन तीनों के बारे में विस्तार से समझ सकते हैं

  1. PROM:- इसका पूरा नाम “प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी” होता है। इस मेमोरी में एक बार डाटा स्टोर होने के बाद खत्म नहीं होता और ना ही इसके डाटा को खत्म किया जा सकता है। जब भी इसमें कार्य किया जाए तो पुरानी मेमोरी से ही कार्य को आगे बढ़ाया जा सकता है।
  2. EPROM:- इसका पूरा नाम “इरेजेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी” है। यह अपने अंदर नए प्रोग्राम को आसानी से संरक्षित कर लेते हैं। इस में संग्रहित प्रोग्राम को पराबैगनी किरणों के द्वारा ही मिटाया जा सकता है इसलिए इन्हें पराबैगनी किरणों से दूर रखा जाता है।
  3. EEPROM:- इसका पूरा नाम “इलेक्ट्रिकल  प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी” होता है। यह सबसे नई तकनीक है इस में स्थित प्रोग्राम को आसानी से हटाया भी जा सकता है।
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2).सेकेन्डरी मेमोरी (Secondary Memory)

इसके इस्तेमाल से डाटा को परमानेंट रूप में स्टोर किया जा सकता है। इसे एक्सटर्नल मेमोरी या वोलेटाइल मेमोरी भी कहा जाता है। इसमें उपस्थित डाटा को हम या कंप्यूटर भी एक्सेस कर सकते हैं। ऐसा समझा जाता है कि यह सीपीयू का भाग है पर ऐसा होता नहीं है। इसके सारे डेटा पहले मुख्य मेमोरी में जाते हैं और फिर सीपीयू द्वारा इस्तेमाल कर लिए जाते हैं। इसमें स्टोरेज क्षमता बहुत होती है जैसे हार्ड डिस्क, सीडी, डीवीडी, पेन ड्राइव्स आदि। यह एक प्रकार की स्थाई मेमोरी है, इसकी गति थोड़ी धीमी होती है। काम खत्म होने पर भी डाटा सुरक्षित रहता है। कंप्यूटर बिना सेकेंडरी मेमोरी के भी चल सकता है।

3) कैचे मेमोरी (Cached Memory)

यह सबसे तेज गति वाली मेमोरी है, जो सीपीयू को भी स्पीड देती है। इसे सेमीकंडक्टर मेमोरी भी कहा जाता है। इसका उपयोग हमेशा डाटा और प्रोग्राम के कुछ हिस्सों को होल्ड करने के लिए होता है, जो सीपीयू फ्रिक्वेंटली यूज कर लेता है। सबसे पहले डाटा और प्रोग्राम को ट्रांसफर कर आगे बढ़ाया जाता है वहां डिस्क से कैचे मेमोरी तक सीपीयू तक ले जाया जाता है जहां से आसानी से एक्सेस किया जा सके।

कैचे मेमोरी के फायदे (Benifits of Cached Memory)

  1. यह बहुत ही ज्यादा तेज गति की होती है, जो एक अच्छी बात है।
  2. जिन प्रोग्राम को शार्ट टाइम के लिए एक्सक्यूट करना होता है, उन्हें स्टोर किया जा सकता है।
  3. यह डाटा को टेंपरेरी इस्तेमाल के लिए स्टोर कर पाता है।
  4. बाकी सारे मेमोरी से तुलना में काम एक्सेस टाइम कंज्यूम करती है।

कैचे मेमोरी के नुकसान

  1. इसकी कैपेसिटी लिमिटेड होती है।
  2. यह सबसे ज्यादा कीमती होता है।

फोन की मेमोरी के कम होने पर माइक्रो एसडी मेमोरी कार्ड से बढ़ाया जा सकता है। मेमोरी को कम या ज्यादा आराम से किया जा सकता है।

इस प्रकार से हम कंप्यूटर की मेमोरी को आसानी से समझ सकते हैं। कंप्यूटर की मेमोरी बहुत ही आवश्यक होती है जिसके बिना काम करना बहुत मुश्किल होता है। हम ऊपरी रूप से कंप्यूटर को जानते हैं लेकिन उसके अंदरूनी भागों के बारे में भी जानना जरूरी होता है। जब तक अंदरूनी रूप से कोई चीज मजबूत नहीं होती, तब तक वह बाहर से भी सही रूप से कार्य नहीं कर सकती वही बात कंप्यूटर पर भी लागू होती है। कंप्यूटर को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए हमें उसकी अच्छी मेमोरी की आवश्यकता है, जो .RAM हमें देता है। उम्मीद करते हैं कि आपको RAM  और मेमोरी से संबंधित सारी जानकारी मिल चुकी होगी।

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आज की पोस्ट के माध्यम से आपने जाना की रैम और मेमोरी क्या है? (What is RAM and Memory in Hindi) इसके प्रकार (Types)। आशा करते है की आपने इस पोस्ट के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की होगी।

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